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किसान आंदोलन के बीच सियासी बैठकों का दौर, येचुरी से मिलेंगे शरद पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार सोमवार यानी आज दिल्ली में हैं.  वह वामपंथी नेताओं से मुलाकात करेंगे. शरद पवार के घर पर सीताराम येचुरी और डी राजा मुलाकात करेंगे. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर भी नजर रहेगी.  बता दें कि शरद पवार ने पहले भी सीताराम येचुरी से मुलाकात की थी.

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NCP सुप्रीमो शरद पवार
NCP सुप्रीमो शरद पवार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसान आंदोलन के बीच सियासी बैठकों का दौर
  • सीताराम येचुरी से मिलेंगे शरद पवार

नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसान पिछले एक महीने से ज्यादा समय से डटे हुए हैं. प्रदर्शन के बीच सरकार और किसानों में कई दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन समाधान नहीं निकल पाया है. सरकार ने कह दिया है कि अब सुप्रीम कोर्ट ही इस मामले में फैसला करे. इस मामले पर आज कोर्ट में सुनवाई होनी है. इस बीच किसान आंदोलन को लेकर सियासी बैठकों का दौर तेज हो गया है.

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार सोमवार यानी आज दिल्ली में हैं.  वह वामपंथी नेताओं से मुलाकात करेंगे. शरद पवार के घर पर सीताराम येचुरी और डी राजा मुलाकात करेंगे. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर भी नजर रहेगी.  बता दें कि शरद पवार ने पहले भी सीताराम येचुरी से मुलाकात की थी.

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पिछले 50 दिन से दिल्ली की सरहदों पर बैठे किसान संगठनों की मांग है कि केंद्र सरकार कृषि कानून वापस ले, इससे कम पर उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है. हालांकि कुछ मुद्दों पर सरकार ने किसानों की मांगें मानी भी हैं. बता दें कि रविवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर की सभा में व्यवधान डालने के आरोप में करनाल पुलिस ने 71 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है. पुलिस ने इस मामले में 71 लोगों पर FIR दर्ज की है. इस मामले में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है. 

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रविवार को करनाल के कैमाला गांव में सीएम मनोहर लाल खट्टर का किसान महापंचायत कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम में सीएम मनोहर लाल खट्टर किसानों के साथ संवाद कर उन्हें नए कृषि कानूनों का फायदा बताने वाले थे. लेकिन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान यहां सीएम आने के पहले पहुंच गए और हंगामा करने लगे.

प्रदर्शनकारी किसानों की मांग थी कि सीएम उनके साथ संवाद करें. कैमाला गांव में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने और उनका प्रदर्शन जारी रहा. स्थिति को बिगड़ते हुए देख पुलिस को किसानों पर लाठीचार्ज करनी पड़ी. 

 

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