प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी शासनकाल पर बात की और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर जमकर निशाना साधा. हालांकि, खड़गे को पीएम की टिप्पणी सुनने के लिए काफी परेशान होते देखा गया. चूंकि, जब पीएम मोदी भाषण दे रहे थे, तब विपक्षी दल 'मोदी-अडानी भाई-भाई' के नारे लगा रहे थे. लेकिन, पीएम का संबोधन जारी बना रहा.
पीएम मोदी के संबोधन के दौरान जब विपक्षी सांसदों का शोर-शराबा और नारेबाजी तेज हो गई तो मल्लिकार्जुन खड़गे को अपने हेडफोन को कानों पर लगाते हुए देखा गया. प्रधानमंत्री ने कांग्रेस प्रमुख पर निशाना साधा और कहा- खड़गेजी के क्षेत्र कालाबुरगी में भी उन्हें काम होते देखना चाहिए. कर्नाटक में 1.70 करोड़ जन धन बैंक खाते खोले गए हैं, जिनमें कालाबुरगी में 8 लाख से ज्यादा खाते शामिल हैं. इतने सारे लोग सशक्त हो रहे हैं, जबकि किसी का इतने सालों बाद खाता बंद जाए तो उनकी पीड़ा मैं समझ सकता हूं. बार-बार उनका दर्द झलकता है. कभी कभी ये भी कह देते हैं कि एक दलित को हरा दिया. वहां की जनता ने दूसरे दलित को जिता दिया. जनता नकार रही है. आपको हटा रही है. आपका खाता बंद कर रही है. आप रोना यहां रो रहे हैं.
कांग्रेस ने देश के लिए स्थायी समाधान नहीं खोजा
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा- सबसे पुरानी पार्टी ने कभी भी उन असंख्य समस्याओं का समाधान नहीं खोजा, जिनका देश सामना कर रहा है. पीएम ने कहा- कांग्रेस केवल टोकन में लगी है, देश की समस्याओं का स्थायी समाधान खोजने की कभी कोशिश नहीं की. उन्होंने आगे कहा- जब मैं 2014 में प्रधानमंत्री बना तो मैंने देखा कि कांग्रेस ने हर जगह समस्याएं और मुद्दे पैदा किए, भले ही वे भारत के समग्र विकास के लिए एक मजबूत नींव बनाना चाहते थे.
कांग्रेस ने 'गरीबी हटाओ' के लिए कुछ नहीं किया
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चार दशकों में कुछ नहीं किया जबकि भाजपा ने लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का काम किया. वे (कांग्रेस) 'गरीबी हटाओ' कहते थे, लेकिन चार दशकों से अधिक समय तक कुछ नहीं किया. जबकि हम देश के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं.
इससे पहले दिन में राज्यसभा की कार्यवाही से अडानी संकट पर पीएम मोदी की "चुप्पी" की आलोचना करने वाले खड़गे के भाषण के कुछ हिस्सों को निकाल दिया गया था.