महाराष्ट्र में चुनाव आय़ोग के फैसले के बाद सियासी हलचल बढ़ गई है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान शिवसेना के नाम और निशान को लेकर कहा कि चुनाव आयोग ने दूध का दूध और पानी कर दिया है. गृहमंत्री ने कहा कि UPA काल में हर मंत्री खुद को प्रधानमंत्री मानता था और प्रधांनमंत्री को भी प्रधानमंत्री नही मानते थे. उन्होंने कहा कि UPA के कार्यकाल में 12 लाख करोड़ के घोटाले हुए. इससे भारत की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूल में मिल गई.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कल बड़ा निर्णय हुआ है. असली शिव सेना और चिह्न हमारे मित्र पक्ष को मिला है. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने मोदीजी का बड़ा फोटो लगाकर वोट मांगा. और चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनने के लालच मे कांग्रेस-एनसीपी के तलवे चाटे.
गृहमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान से घुसपैठिए और आतंकवादी आते थे और हमारे जवानों के सिर कलम कर देते थे और उनके कटे हुए सिर का अपमान करते थे और दिल्ली के 'दरबार' पर सन्नाटा पसर जाता था. उन्होंने कहा कि देश के सामने एक के बाद एक 12 लाख करोड़ के घोटाले और भ्रष्टाचार आए. पहले महिलाएं सुरक्षित नहीं थीं, देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं थीं. गृहमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में प्रधानमंत्री किसी और देश का भाषण किसी और देश में पढ़ देते थे.कभी सिंगापुर में थाईलैंड का भाषण पढ़ते थे तो कभी सिंगापुर में थाईलैंड का भाषण पढ़ते थे, इससे देश का अपमान होता था.
इस मौके पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि कल एक अच्छा निर्णय हुआ है. लोकशाही में बहुमत को महत्त्व है. हमने जो वादे किए थे वो पूरे किए हैं. इसके साथ ही कहा कि गृहमंत्री ने कहा था कि शिंदेजी आप आगे बढ़ो, हम आपके पीछे चट्टान की तरह खड़े हैं, उन्होंने जो कहा था वो कर दिखाया.
कार्यक्रम के दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि असली शिव सेना के नेता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कां स्वागत करता हूं. हमारे ढाई साल खराब हुए, अब हमारे पास ढाई साल हैं. जिसमे बहुत काम करना है. पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन की सरकार पूरी ताकत के साथ काम करेगी.
फडणवीस ने कहा कि हाल ही में राहुल गांधी ने कश्मीर में जाकर तिरंगा फहराया था, लेकिन वह कांग्रेस के राज में ऐसा नहीं कर पाए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने जब कश्मीर से धारा 370 हटाई, उसके बाद ही ये मुमकिन हो पाया.
वहीं, उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद कड़ी नाराजगी जताई है. शनिवार को उद्धव ठाकरे ने अपने आवास मातोश्री के बाहर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उद्धव ने अपने समर्थकों से कहा कि मैं तुम्हें कुछ नहीं दे सकता, क्योंकि मेरे हाथ खाली हैं. उद्धव ने कहा कि मैं उनसे कहना चाहूंगा कि हमारे सब्र की परीक्षा मत लो. इसके साथ ही उद्धव ने अपने समर्थकों से अपील की कि चुनाव की तैयारी करें.
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