गृह मंत्री अमित शाह से मुस्लिम धर्मगुरुओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की है. उस मुलाकात के दौरान हेट स्पीच से लेकर मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाया गया है. जोर देकर कहा गया है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. डेढ़ घंटे की इस बैठक के दौरान कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अमित शाह के सामने अपने विचार रखे.
14 मुद्दों पर हुई अमित शाह से बातचीत
जानकारी के लिए बता दें कि जमीयत उलेमा ए हिंद, खुसरो फाउंडेशन, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे अलग-अलग संगठनों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को गृह मंत्री से मुलाकात की. रामनवमी के पर्व पर हुई हिंसा, कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण खत्म किए जाना, मदरसों की स्वतंत्रता और समान नागरिक संस्था जैसे 14 मुद्दों पर बातचीत हुई. बैठक के बाद आजतक से बात करते हुए जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रवक्ता नियाज़ फारुकी ने कहा कि अमित शाह बीजेपी नेता की तरह नहीं बल्कि देश के गृहमंत्री की तरह मिले. उन्होंने हमारी सारी बातें सुनी और आश्वासन दिया. गृह मंत्री ने कहा पसमांदा मुसलमानों को मिलने वाला आरक्षण कर्नाटक में जारी रहेगा और इस बाबत कानून मंत्रालय से स्पष्टीकरण जल्दी ही आएगा.
370 का मुद्दा भी उठाया गया
वैसे मुस्लिमों के डेलिगेशन ने बीजेपी नेताओं द्वारा हेट स्पीच के मामलों में कार्रवाई की मांग भी की. जोर देकर कहा गया कि सख्त एक्शन होना चाहिए जिससे समाज में एक संदेश जाए. इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा भी अमित शाह के सामने उठाया. उनकी तरफ से इसका खुलकर विरोध किया गया और अपने तर्क भी रखे गए. अब इस विरोध पर गृह मंत्री का क्या रुख रहा, स्पष्ट नहीं. मुलाकात के दौरान अनुच्छेद 370 हटाए जाने का भी विरोध किया गया और कहा गया कि इसे गलत तरीके से हटाया गया.
बताया जा रहा है कि मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने समलैंगिकता का भी खुलकर विरोध किया और सरकार से अपील हुई कि वो कोर्ट में भी अपना रुख खिलाफ में ही रखे. अभी के लिए इस मुलाकात को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है. ग़ृह मंत्रालय ने भी कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है.