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'बीजेपी के टाइम में से इन्हें आधा घंटा बोलने दो', अमित शाह ने ली अधीर रंजन की चुटकी

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में वार-पलटवार के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर तो निशाना साधा है, साथ ही बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन की चुटकी भी ली. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि अधीर जी को हमारे (बीजेपी) के टाइम से आधा घंटा दे दो बोलने के लिए.

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अधीर रंजन चौधरी और अमित शाह
अधीर रंजन चौधरी और अमित शाह

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज बुधवार को दूसरा दिन है. आज भाषण की शुरुआत राहुल गांधी ने की. उन्होंने सरकार को घेरा और कहा कि मणिपुर में भारत माता की हत्या हो रही है. राहुल गांधी के बाद स्मृति इरानी ने भाषण दिया. उन्होंने राहुल के हर वार पर पलटवार किया. लेकिन स्मृति इरानी के भाषण के वक्त राहुल सदन में मौजूद नहीं थे. सदन में वार-पलटवार के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर तो निशाना साधा है, साथ ही बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन की चुटकी भी ली.

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देखिए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की पूरी कवरेज

दरअसल, सदन में अमित शाह भाषण दे रहे थे. वे कश्मीर मुद्दे पर बोल रहे थे. इस दौरान कांग्रेस की तरफ से बयानबाजी पर गृहमंत्री ने पलटवार किया. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि मेरा निवेदन है कि अधीर जी को कांग्रेस ने टाइम नहीं दिया है, इन्हें हमारे समय में से आधा घंटा दे दीजिए. ये बीच में बोलते हैं क्योंकि इनकी पार्टी ने इन्हें टाइम नहीं दिया है. मेरे इस निवेदन का हमारे पार्लियामेंट्री अफयर्स मंत्री मेरे निवेदन का विरोध नहीं करेंगे.

वहीं अमित शाह का भाषण खत्म होने और सदन की दूसरे दिन की कार्रवाई समाप्ति पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम तो सदन में चर्चा की मांग आज से नहीं, शुरू से करते आ रहे हैं. मांग के साथ-साथ हम गुहार लगाते रहे हैं कि देश के प्रधानमंत्री सदन में आएं और चर्चा की शुरुआत करें.  हमें गृह मंत्री की काबिलियत पर कोई शक नहीं है. लेकिन ये भी कहना चाहते हैं कि जो जवाब डिस्ट्रिक कलेक्टर (पीएम मोदी) को देना है वो कोतवाल (अमित शाह) कैसे देंगे?

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बिहार सीएम पर साधा निशाना 

अमित शाह ने कहा कि जब हम बैंक अकाउंट खोलने की जनधन योजना लेकर आए तो नीतीश कुमार ने हमारा मजाक उड़ाया. कि अकाउंट तो खोल दिया, अंदर क्या डालेंगे, बोनी तो कराओ. नीतीश बाबू हमारी बात सुन लीजिए. 49 करोड़ बैंक खाते खोले जिसमें 2 लाख करोड़ गरीबों के जमा हैं. केंद्र-राज्य सरकार की 300 से ज्यादा योजनाओं का पैसा डायरेक्ट इन खातों में जाता है. ये लोग जनधन योजना का विरोध क्यों कर रहे थे ये समझने वाली बात है. यूपीए के शासनकाल में पीएम रहे (राजीव गांधी) नेता ने कहा था कि मैं दिल्ली से 1 रुपया भेजता हूं लेकिन 15 पैसे ही पहुंचते हैं. उन्होंने ये बात कबूल की क्योंकि सच्चे आदमी थे, नए-नए राजनीति में आए थे. लेकिन मैं अब आगे पूछता हूं कि 85 पैसा कौन ले जाता था. ये पैसा वो ले जाते थे जो जनधन का विरोध कर रहे थे. अमित शाह ने आगे कहा कि कांग्रेस ने कहा सबकुछ लेकिन किया कुछ नहीं. किया बीजेपी ने.

वैक्सीन को लेकर अखिलेश-राहुल पर साधा निशाना 

कोरोना पर बात करते हुए अमित शाह बोले कि कोरोना काल में अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने जनता से कहा कि ये मोदी वैक्सीन है लेना मत. लेकिन जनता ने मोदी पर विश्वास जताया और सभी डोज लगवाईं. शाह बोले कि लॉकडाउन का भी विरोध किया गया था. विरोधी पार्टियों ने कहा कि लॉकडाउन लग जाएगा तो गरीब क्या खाएगा. लेकिन हमने लॉकडाउन भी लगाया और गरीब को भूखा भी नहीं रखा. 80 करोड़ लोगों को फ्री गेंहू दिए. शाह ने कहा कि विरोधी पार्टियों को मोदी में अविश्वास हो सकता है लेकिन देश की जनता को नहीं. वो मोदी के साथ है. 

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उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सदन में एक ऐसे नेता हैं जिनको 13 बार राजनीति में लॉन्च किया गया. हर बार उनकी लॉन्चिंग फेल हुई. उनकी एक ऐसी ही लॉन्चिंग संसद से हुई थी. एक गरीब मां कलावती (बुंदेलखंड, महोबा) के घर वह नेता भोजन करने गए. फिर संसद में उसकी गरीबी का वर्णन किया. उसके बाद छह साल कांग्रेस की सरकार रही. लेकिन उस कलावती के लिए कुछ नहीं किया. उस कलावती को घर, बिजली, गैस, अनाज, शौचालय, स्वास्थ्य देना का काम नरेंद्र मोदी ने किया. जिस कलावती के घर आप भोजन पर गए, उसे भी मोदी पर अविश्वास नहीं है.

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