भारत-चीन की सेना की अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई झड़प के मुद्दे पर आज संसद में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की. गृहमंत्री अमित शाह ने चीन के मुद्दे को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया, जिससे हंगामा मच गया. उन्होंने अपने बयान में राजीव गांधी फाउंडेशन का जिक्र किया.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत की 1 इंच भूमि पर भी कब्जा नहीं किया गया है. झड़प के वक्त भारतीय जवानों ने काफी वीरता दिखाई. कुछ ही समय में भारत की जमीन पर आए सैनिकों को वापस खदेड़ दिया गया. शाह ने भारतीये सेना के जवानों की प्रशंसा भी की.
गृह मंत्री शाह ने कहा कि आज कांग्रेस का सदन में चीन को लेकर दोहरा रवैया दिखाई दिया. हंगामा कर सदन को नहीं चलने दिया गया. उन्होंने कहा कि आज संसद में सीमा पर हुई घटना को लेकर हंगामे की वजह से लोकसभा नहीं चल सकी. बाद में पता चला कि उसके पीछे कांग्रेस की क्या मंशा थी. पांचवें नंबर पर राजीव गांधी फाउंडेशन के बारे में एक सवाल था. सवाल कांग्रेस के ही सांसद ने पूछा था कि राजीव गांधी फाउंडेशन संस्था क्यों रद्द कर दी गई.
अमित शाह ने आगे कहा कि चीन से 2005-2006 और 2006-2007 के बीच राजीव गांधी फाउंडेशन ने एक करोड़ 35 लाख रुपए लिए. फाउंडेशन का कहना है कि वह सामाजिक और रिसर्च वर्क के लिए पैसे देते थे, लेकिन इन पैसों का इस्तेमाल भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने में किया गया. अगर कोई रिसर्च हुआ होता तो उसके रिपोर्ट दी गई होती.
गृह मंत्री ने कहा कि सीआरएनए में पाया गया कि गलत तरीके से चीन के पैसे का मिस यूज किया गया. जाकिर नाइक के इस्लामिक संगठन से भी राजीव गांधी फाउंडेशन ने चंदा लिया. राजीव गांधी फाउंडेशन को रद्द करने की यही वजह थी.
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में इस मुद्दे पर जवाब दिया. उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने चीन का बहादुरी से जवाब दिया. भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को उनकी पोस्ट पर वापस भेजा. इस दौरान भारतीय सेना के किसी भी जवान का न तो निधन हुआ और न ही कोई गंभीर जख्मी है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, इस सदन को अरुणाचल में तवांग में हुई घटना के बारे में अवगत कराना चाहता हूं. 9 दिसंबर 2022 को PLA जवानों ने यथास्थिति को बदलने की कोशिश की. हमारी सेना ने दृढ़ता से इसका सामना किया. इस दौरान हाथापाई भी हुई. भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें उनकी पोस्ट में वापस भेज दिया.
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि इस घटना के बाद क्षेत्र के स्थानीय कमांडर ने 11 दिसंबर 2022 को अपने चीनी समकक्ष के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की और इस घटना पर चर्चा की. चीनी पक्ष से सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया. इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है.