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विपक्षी गठबंधन ने UPA का नाम बदलकर 'INDIA' क्यों रखा? अमित शाह ने संसद में बताई वजह

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधा. गृहमंत्री ने घोटालों की फेहरिस्त गिनाई. उन्होंने कहा कि ये सभी घोटाले UPA की सरकार में हुए. इसलिए विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम बदलकर 'INDIA' रख लिया. क्योंकि वह इतने घोटालों के साथ जनता के बीच कैसे जाते. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि हमने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे हमें अपने गठबंधन NDA का नाम बदलना पड़े

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संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अमित शाह विपक्ष पर जमकर बरसे
संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अमित शाह विपक्ष पर जमकर बरसे

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम UPA से बदलकर I.N.D.I.A.रख दिया है. गृहमंत्री ने बताया कि विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम क्यों बदला है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के नाम 12 लाख करोड़ के घोटाले हैं, तो वह जनता के बीच कैसे जाते. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जब कंपनी दिवालिया हो जाती है, या जिसकी साख खराब हो जाती है, तो वह अपना नाम बदल लेती है. इन्होंने भी नाम बदल लिया है.

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अमित शाह ने संसद में कहा कि यूपीए ने बोफोर्स घोटाला, 2जी स्पेक्ट्रम, सत्यम घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला, कोयला घोटाला,  टाटा ट्रक घोटाला, आदर्श घोटाला, वोट के बदले नोट घोटाला, नेशनल हेराल्ड घोटाला, डीएलएफ घोटाला, चारा घोटाला, खाद्य सुरक्षा बिल घोटला, गाजियाबाद प्रोविडेंट फंड घोटाला, हर्षद मेहता शेयर मार्केट घोटाला, हअन अली हवाला घोटाला, आईपीएल घोटाला, एलआईसी हाउसिंग घोटाला, मधुकोड़ा घोटाला किया. 

देखिए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की पूरी कवरेज

गृहमंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास नाम बदलने के अलावा कोई भी रास्ता नहीं था. उन्होंने कहा कि हमें नाम बदलने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि पिछले 9 सालों में और अटलजी की सरकार के दौरान हमने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे सिर झुकाना पड़े.  हम लोग सीना तानकर मैदान में जाएंगे. NDA ने स्थिरता दी है. कांग्रेस ने 30 साल तक किसी भी सरकार को ठीक से चलने नहीं दिया. इनकी फितरत ही अस्थितरता है. बीजेपी ने देश को स्थिर शासन दिया है. 

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'मणिपुर समस्या पर एकसाथ बैठकर समाधान निकालें'

अमित शाह ने कहा कि मैं विपक्ष से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का चक्र चल रहा है, कोई भी ऐसी घटनाओं का समर्थन नहीं कर सकता. जो कुछ भी हुआ वह शर्मनाक है, लेकिन उन घटनाओं का राजनीतिकरण करना और भी शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि मैं इस सदन के माध्यम से दोनों समुदायों से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. सरकार के साथ बैठकर समस्या का समाधान निकालें. अफवाहें केवल अविश्वास का माहौल पैदा करती हैं.

गृहमंत्री ने मणिपुर में सीएम न बदलने की वजह भी बताई

गृहमंत्री ने कहा कि 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद से 152 लोग मारे गए, 14,898 लोग गिरफ्तार किए गए और 1,106 एफआईआर दर्ज की गईं हैं. इसके साथ ही अमित शाह ने मणिपुर में सीएम हटाने से  इनकार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शांति बहाल करने के प्रयासों में केंद्र के साथ सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री असहयोग करते तो इसकी जरूरत पड़ती. उन्होंने कहा कि हमने हिंसा भड़कने के एक दिन बाद मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक को बदल दिया. हमने एक सुरक्षा सलाहकार भी नियुक्त किया और उसे एकीकृत कमान तंत्र का प्रभारी बनाया है.

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धारा-370 नेहरूजी की गलत नीति का परिणाम था

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गलत नीति का परिणाम था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिकल-370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों में पूरी तरह से विलय करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. उन्होंने कहा, "हम न तो हुर्रियत से बातचीत करेंगे, न जमीयत से और न ही पाकिस्तान से. हम सिर्फ घाटी के युवाओं से बातचीत करेंगे. गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के कारण जम्मू-कश्मीर में 40,000 से अधिक लोगों की जान चली गई, लेकिन धारा-370 को हटाए जाने के बाद स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है.

 

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