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'तमिल में हो मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई,' अमित शाह की स्टालिन सरकार से अपील

मध्य प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी मीडियम से शुरू हो गई है. यूपी और उत्तराखंड ने भी इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है. अब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शनिवार को तमिलनाडु सरकार से भी तमिल भाषा में इन दोनों कोर्सों की पढ़ाई शुरू कराने की अपील की है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से राज्य और देश दोनों का विकास होगा.

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केंद्रीय गृहमंत्री ने चेन्नई में शनिवार को एक कार्यक्रम में शिरकत की
केंद्रीय गृहमंत्री ने चेन्नई में शनिवार को एक कार्यक्रम में शिरकत की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को चेन्नई में एक कार्यक्रम कहा कि तमिल का विस्तार करने की जिम्मेदारी सिर्फ तमिलनाडु की नहीं बल्कि पूरे देश की है. उन्होंने कहा- मैं तमिलनाडु सरकार से आग्रह करता हूं कि राज्य में तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई जाए, जैसा दूसरे राज्यों में भी किया जा रहा है.

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उन्होंने आगे कहा कि अगर तमिलनाडु सरकार ऐसा करती है, तो तमिल माध्यम के छात्रों को मेडिकल साइंस को समझने में बहुत आसानी होगी और वे अपनी मातृभाषा में रिसर्च एंड डिवेलपमेंट पर काम कर राष्ट्र का विकास करेंगे.

अमित शाह ने बताया कि एआईसीटीई के डेटा से पता चलता है कि तमिल माध्यम के छात्रों के लिए आवंटित 1350 सीटों में से केवल 50 या 60 सीटें ही भरी गई हैं. अगर तमिलनाडु सरकार अन्य राज्यों की तरह चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा में तमिल माध्यम को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करती है, तो उन्हें लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. यह तमिलनाडु की बहुत बड़ी सेवा होगी. 

UP में हिंदी में होगी MBBS, इंजीनियरिंग की पढ़ाई

उत्तर प्रदेश में भी हिंदी में MBBS की पढ़ाई होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने 15 अक्टूबर को अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से इसकी जानकारी दी थी.

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उन्होंने लिखा, 'उत्तर प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की कुछ पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कर दिया गया है. आगामी वर्ष से प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में इन विषयों के पाठ्यक्रम हिंदी में भी पढ़ने के लिए मिलेंगे.' एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने एमबीबीएस के तीन विषयों की किताबें हिंदी में करने के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है. इनमें जैन रसायन, शरीर रचना और चिकित्सा शरीर विज्ञान शामिल हैं.

मध्य प्रदेश में शाह ने किया था शुभारंभ

गृह मंत्री अमित शाह ने 16 अक्टूबर को भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में भारत की पहली हिंदी एमबीबीएस पुस्तक का शुभारंभ किया था. इसके साथ, मध्य प्रदेश एमबीबीएस उम्मीदवारों के लिए हिंदी में चिकित्सा शिक्षा लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

मध्य प्रदेश में अब तक तीन विषयों को हिंदी में अध्ययन के लिए चुना गया है. इनमें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री विषय शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार, गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में 97 विशेषज्ञों की एक टीम ने इन हिंदी एमबीबीएस पुस्तकों की तैयारी पर काम किया. अंग्रेजी से हिंदी में पाठ्यक्रम का अनुवाद करने में कुल 232 दिन लगे.

उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ भी कर रहे तैयारी

उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अगले सेशन से एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ ही हिंदी माध्यम में होगी. प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया है. यह ​समिति मध्यप्रदेश सरकार के मेडिकल कॉलेजों में लागू एमबीबीएस के हिंदी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर उत्तराखंड के कॉलेजों के लिए नए पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार करेगी. 

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सितंबर गृह मंत्री ने घोषणा की थी कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में प्रथम सेमेस्टर के छात्रों के लिए एमबीबीएस हिंदी में उपलब्ध होगा.

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