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अनिल एंटनी अपनी ही पार्टी में कैसे घिर गए, कांग्रेस में सभी पदों से क्यों देना पड़ा इस्तीफा?

केरल के कद्दावर नेता एके एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी ने कांग्रेस पार्टी में सभी पदों से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. अनिल एंटनी अपनी ही पार्टी में घिर गए थे और अंत में सभी पदों से इस्तीफा देना पड़ा. अनिल एंटनी कांग्रेस में कैसे घिर गए और सभी पदों से क्यों इस्तीफा देना पड़ गया, जानें.

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अनिल एंटनी (फाइल फोटो)
अनिल एंटनी (फाइल फोटो)

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. अनिल एंटनी ने तेजी से घटे राजनीतिक घटनाक्रम के बाद बुधवार की सुबह कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफे का ऐलान कर सबको चौंका दिया. अनिल एंटनी पार्टी के नेताओं पर कई आरोप भी लगाए.  
 
अनिल एंटनी ने ट्वीट कर इस्तीफे का ऐलान किया और कहा कि मुझ पर एक ट्वीट को वापस लेने को लेकर अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खड़े होने की बात करने वाले असहिष्णुता के साथ दबाव बना रहे थे. उन्होंने कहा कि मैंने मना कर दिया. अनिल एंटनी ने तंज करते हुए कहा कि प्रेम का प्रचार करने वाले फेसबुक पर मेरे लिए नफरत की भाषा, अपशब्द का इस्तेमाल कर रहे थे.

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उन्होंने इसे पाखंड बताते हुए कहा कि कल से जो कुछ भी हो रहा है, मुझे लगता है कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डिजिटल मीडिया संयोजक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सोशल और डिजिटल कम्युनिकेशन सेल के राष्ट्रीय सह समन्वयक के रूप में अपनी भूमिका को छोड़ने का समय आ गया है. अपने ट्वीट में अनिल ने असहिष्णुता, नफरत, अपशब्द के साथ ट्वीट वापस लेने के लिए दबाव बनाए जाने का खास तौर पर जिक्र किया है.

सवाल ये है कि आखिर वह कौन सा ट्वीट है जिसे लेकर बात असहिष्णुता, अपशब्द और वापस लेने तक पहुंच गई और मजबूर होकर अनिल को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देना पड़ा. मामला बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से जुड़ा है जिसे लेकर देशभर में हंगामा मचा है. केंद्र सरकार ने इसे देश की छवि धूमिल करने की साजिश बताते हुए इसके लिंक शेयर करने पर पाबंदी लगा दी है तो नहीं केरल कांग्रेस ने इसे लेकर मोर्चा खोल रखा है.

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कांग्रेस में ही कैसे घिर गए अनिल एंटनी

दरअसल, गुजरात दंगों की पृष्ठभूमि पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर सरकार ने सख्ती बरती. विरोध में केरल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सूबे में इसकी स्पेशल स्क्रीनिंग का ऐलान कर दिया. केरल कांग्रेस की ओर से स्पेशल स्क्रीनिंग के ऐलान के बीच ही अनिल एंटनी ने एक ट्वीट किया और बीबीसी, ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ को लेकर सवाल उठा दिए और इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर सरकार के रुख का समर्थन कर दिया.

सरकार के रुख का समर्थन कर अनिल एंटनी अपनी ही पार्टी के भीतर घिर गए. अनिल पर केरल कांग्रेस के ही नेताओं, पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हमला बोल दिया. ट्विटर पर अनिल के विरोध में एक के बाद एक ट्वीट किए जाने लगे. फेसबुक पर अनिल को लेकर अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए पोस्ट किए जाने लगे. कई घंटों तक लगातार चले इस घटनाक्रम के बाद अनिल ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफे का ऐलान कर दिया.

सुप्रिया श्रीनेत बोलीं कौन हैं वह

अनिल एंटनी अपनी ही पार्टी में किस कदर अलग-थलग पड़ गए, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिन शशि थरूर का नाम लिखकर इस्तीफे में उन्होंने सहयोग-मार्गदर्शन के लिए आभार प्रकट किया है. उन एके एंटनी ने भी किनारा करते हुए कह दिया कि मेरी अनिल से कोई बात नहीं हुई है, वे खुद अपनी बात बोल सकते हैं. शशि थरूर ने देश की संप्रभुता को खतरा बताने वाले तर्क को भी खारिज कर दिया.

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शशि थरूर ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के फैसले का मैंने भी समर्थन किया था. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने तो दो कदम आगे जाकर ये पूछ लिया कि वे कौन हैं. सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पार्टी में उनके पास कोई पद नहीं है. उन्होंने ये भी दावा किया कि भारत जोड़ो यात्रा को लेकर उनकी पोस्ट नहीं है.

अनिल एंटनी ने ट्वीट कर क्या कहा था

एके एंटनी के बेटे अनिल ने खुलकर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया था. अनिल ने सरकार के कदम का समर्थन करते हुए कहा था कि बीजेपी के साथ कई मतभेदों के बावजूद मेरा मानना है कि बीबीसी और ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री इराक युद्ध का ब्रेन माने जाने वाले जैक स्ट्रॉ के विचारों को भारतीय संस्थानों से अधिक महत्व देना खतरनाक चलन है. ये भारत की संप्रभुता के लिए खतरनाक है. उन्होंने ये भी कहा था कि बीबीसी सरकार प्रायोजित चैनल है और उसका इतिहास भारत को लेकर पूर्वाग्रह का रहा है.

 

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