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दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंधु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 12वें दिन में प्रवेश कर गया है. इस स्थान पर अब ठीक ठाक बस्ती सी बस गई है. प्रदर्शनकारी किसानों ने यहां खाने-पीने का अच्छा इंतजाम कर लिया है. कई जगह लंगर चलाये जाते हैं. अब यहां किसान पंजाब का खास पेय सरदाई बना रहे हैं.
सरदाई सर्दियों में पिया जाने वाला पंजाब का खास पेय है. इसे बादाम, खसखस, काली मिर्च, इलायची को पीस कर बनाया जाता है. किसानों का कहना है कि इससे शरीर में गर्मी आती है और ये काफी ताकतवर भी है. हर रोज धरने पर बैठे आंदोलनकारी इस पेय को बना रहे हैं.
बादाम, खसखस, काली मिर्च, इलायची को पीसने के लिए मूसल का इस्तेमाल किया जाता है. किसान गुरमेज सिंह का कहना है कि हम लोग धरने पर बैठे किसानों के लिए इसी प्रकार से हर रोज सरदाई बनाते हैं ताकि एक तो इस ठंड के मौसम में शरीर का तापमान सही रहे और दूसरा एनर्जी मिले. गुरमेज सिंह ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो आंदोलन लंबा चलेगा.
आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि युद्ध के समय भी सरदाई दी जाती थी ताकि सैनिकों की एनर्जी बनी रहे और युद्ध ठीक से लड़ा जा सके. यहां भी उसी तरह की सरदाई लोगों को बना कर पिलाई जा रही है.
बता दें कि सिंधु बार्डर पर किसानों का प्रदर्शन 26 नवंबर से जारी है. किसानों की सरकार से 5 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अबतक कोई नतीजा नहीं निकला है. अपनी मांगों के समर्थन में किसानों ने कल भारत बंद का ऐलान किया है. 9 दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच वार्ता का अगला दौर है.