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दिल्ली सेवा बिल का विरोध करने पर अरविंद केजरीवाल ने की कांग्रेस की सराहना, लिखे 3 पत्र

कांग्रेस ने दिल्ली सेवा बिल पर आम आदमी पार्टी का सहयोग किया था, इसके बाद अब AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पत्र लिखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मनमहोन सिंह और मल्लिार्जन खड़गे को पत्र लिखा है. पत्रों में केजरीवाल ने संसद के अंदर और बाहर दिल्ली के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए उनकी सराहना की.

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अरविंद केजरीवाल (File Photo)
अरविंद केजरीवाल (File Photo)

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने संसद में दिल्ली सेवा विधेयक का विरोध करने वाली कांग्रेस के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली के 2 करोड़ लोग कांग्रेस के शुक्रगुजार हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह को लिखे तीन अलग-अलग पत्रों में केजरीवाल ने संसद के अंदर और बाहर दिल्ली के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए उनकी सराहना की.

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उन्होंने कहा,'संसद के अंदर और बाहर दिल्ली के लोगों के अधिकारों की वकालत करने के लिए मैं कांग्रेस की सराहना करना चाहता हूं. मुझे यकीन है कि हमारे संविधान के सिद्धांतों के प्रति आपकी अटूट निष्ठा दशकों तक याद रखी जाएगी. आपने संविधान को कमजोर करने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ाई में अपनी पार्टी के निरंतर समर्थन की पेशकश की.' मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि संसद में उनका इरादा सभी बाधाओं के बावजूद भारत के लोकतंत्र और संघीय ढांचे को संरक्षित करने के उनके दृढ़ विश्वास को रेखांकित करता है.

मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में क्या कहा?

उन्होंने पत्र में लिखा कि आपकी उम्र और खराब स्वास्थ्य के बाद भी आपकी उपस्थिति ने सभी बाधाओं के बावजूद भारत के लोकतंत्र और संघीय ढांचे को संरक्षित करने के लिए शांति, अनुग्रह और दृढ़ विश्वास की कहानी व्यक्त की. राज्यसभा में आपकी उपस्थिति ने भी एक जोरदार संदेश भेजा. भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए काम करने वाली उन सभी ताकतों को स्पष्ट संदेश कि ऐसे किसी भी प्रयास का राजनीतिक नेताओं द्वारा उम्र और पार्टी सीमाओं से ऊपर उठकर तीव्र प्रतिरोध किया जाएगा.

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कांग्रेस ने सांसदों को जारी किया था व्हिप

बता दें कि राज्यसभा में 7 अगस्त को दिल्ली एनसीटी सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित कर दिया गया. राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाहों पर केंद्र सरकार को अधिकार देने वाला विधेयक उच्च सदन में पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोटों से पारित हो गया. कांग्रेस ने अपने सांसदों को तीन-पंक्ति का व्हिप जारी किया था, जिसमें उन्हें 7 अगस्त को बिल पेश किए जाने तक राज्यसभा में उपस्थित रहने के लिए कहा गया था.

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