जम्मू में उच्च सुरक्षा वाले हवाई अड्डे के वायुसेना के अधिकारक्षेत्र वाले हिस्से में रविवार तड़के लगातार दो विस्फोट हुए. इस हमले के बाद से एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस हमले की तुलना पुलवामा अटैक से की है, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुस कर एयर स्ट्राइक के जरिए उनके आतंकवादी ठिकाने नष्ट किए थे.
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'जम्मू ड्रोन स्ट्राइक हमारी सुरक्षा प्रतिष्ठान पर एक अन्य हमला है. इसे भी क्रॉस बॉर्डर एक्ट ऑफ वॉर की तरह देखा जाना चाहिए. मैं प्रार्थना करता हूं कि इस हमले में घायल दो कर्मी जल्द स्वस्थ हो जाएं. हमें इस हमले को भी पुलवामा अटैक की तरह ही लेना चाहिए और उसी तरीके से जवाब देना चाहिए.'
उन्होंने आगे प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए लिखा कि क्या पीएमओ एक बार फिर से अपनी विशेष कमजोरी दिखाते हुए उनकी शर्त के सामने अपने हथियार डाल देगा? क्या वह फिर से तालमेल की कमी दिखाते हुए दूसरे देश को बातचीत में शामिल करेगा? क्या वह UAE की मध्यस्थता में पाकिस्तान से बातचीत जारी रखेगा?
इतने करीब से हमला किया गया था. ऐसा ड्रोन या तो चीन निर्मित हो सकता है या अमेरिका निर्मित. तो क्या पीएम मोदी अपने दोस्त अमेरिका और चीन से पूछेंगे कि क्या वे भी इस हमले का हिस्सा हैं? हम लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर प्रत्येक साल तीन लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि हवाई अड्डे के ऊपर निगरानी के लिए हवाई सुरक्षा क्यों नहीं थी? इतना सारा फंड कहां जा रहा है?
करीब से किया गया था हमला!
पांच मिनट के अंतराल पर हुए दो धमाकों ने जम्मू एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा को लेकर सभी को चिंता में डाल दिया है. शुरुआती जांच में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक ड्रोन के जरिए किए गए इस हमले को काफी करीब से किया गया था. कहा गया है कि ड्रोन को हवाई अड्डे के करीब से ही लॉन्च किया गया था. कहा जा रहा है कि आतंकियों का मकसद हेलीकॉप्टरों को नुकसान पहुंचाने का था.
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सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी एयर बेस को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है. इस हमले को लेकर जानकारी मिली है कि आतंकियों ने दो ड्रोन का इस्तेमाल किया था. राहत की बात यह है कि किसी भी एयरक्राफ्ट को इस हमले में नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन दो जवान मामूली रूप से घायल हुए. वहीं, जो धमाके हुए थे, उनमें से एक तो खुले एरिया में ही हो गया था तो वहीं दूसरा जम्मू एयरफोर्स स्टेशन की छत पर गिरा था जिस वजह से मामूली नुकसान देखने को मिला.