आगामी लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में लगातार सियासी घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं. शिवसेना और एनसीपी दो फाड़ होने के बाद कांग्रेस के कद्दावर नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण बीजेपी में शामिल हो गए. अब बीजेपी उन्हें राज्यसभा भेजने जा रही है. इस सबके बीच आजतक से खास बातचीत में कहा कि कांग्रेस में चुनावों को लेकर कोई तैयारी नजर नहीं आ रही थी और जब उन्हें पार्टी में कोई भविष्य नजर नहीं आया तो उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि पार्टी के साथ व्यक्ति का भविष्य भी जुड़ा होता है. हम लोगों ने कई चुनाव जीते और कई चुनाव हारे हैं. 45 साल की राजनीति में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. उससे हमें कोई सुख-दुख नहीं है क्योंकि राजनीति में ये सब चलता है. लड़ाई करोगे तो जीतोगे और हारोगे. लेकिन लड़ाई करोगे ही नहीं तो हारना ही नहीं है.
अशोक चव्हाण ने कहा कि आज की मौजूदा स्थिति ऐसी है. महाराष्ट्र में कांग्रेस लड़ाई की तैयारी में है या नहीं है, ये संकोच और संदेह का वातावरण बना हुआ है, क्योंकि चुनाव नजदीक आ गए हैं और कोई तैयारी नहीं है. साल-डेढ़ साल से इस पर लगातार बातें हो रही हैं लेकिन फील्ड पर कोई नहीं दिख रहा है. नेतृत्व नहीं दिख रहा है. केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह किया जा रहा है. जब कुछ होता नहीं है तो हारना तो बनता है. हारना से बेहतर है बदलाव करो. कम से कम लोगों की उम्मीदों के मुताबिक मैदान में उतरकर ही जीत पाएंगें न.
'चर्चा होती है लेकिन अमल नहीं होता'
पूर्व सीएम ने कहा कि कई सालों से कांग्रेस की बैठकों में मौजूदा हालत पर बातें हुई हैं, लेकिन एक्शन प्लान में जो तब्दीली होनी चाहिए, बदकिस्मती से वो नहीं हुआ. चर्चा बहुत होती है, लेकिन उसको अमल में लाने का काम नहीं होता, इसलिए नुकसान हो रहा है.
जयराम रमेश के आरोपों पर क्या बोले पूर्व सीएम
जयराम रमेश के कांग्रेस से विश्वासघात करने के आरोप पर चव्हाण ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में किसी के साथ विश्वासघात नहीं किया है. जहां भी मैं रहा हूं कि मैंने प्रमाणिकता से इमानदारी के साथ जिम्मेदारी निभाई है और रिजल्ट भी दिए. जब-जब मुझे जिम्मेदारी मिली, मैंने महाराष्ट्र में उसे निभाया और रिजल्ट दिए. पार्टी ने मुझे कम नहीं दिया है, लेकिन पार्टी के साथ-साथ हमारे योगदान के बारे में भी उन्हें पूछना चाहिए. गुस्से में उन्होंने (जयराम) जो भी कहा है मैं सहन कर लेता हूं लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. पार्टी में जब भी थे वफादार थे. पार्टी और हमारा भविष्य अलग नहीं है. जब हमें यहां दिखाई दे रहा है कि कुछ नहीं हो रहा है तो हम चुपचाप तो नहीं बैठ सकते.
कांग्रेस के विधायकों में बेचैनी है: चव्हाण
महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायक भी पार्टी छोड़ेंगे? इस सवाल पर अशोक चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस के कई साथियों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. उनकी विधानसभा की कई दिक्कते हैं, उनके काम नहीं हो रहे हैं. मौजूदा सरकार से उनकी अपेक्षाएं पूरी नहीं हो रही हैं. कांग्रेस के विधायकों में बेचैनी है. मैंने किसी को भी नहीं कहा है कि वो मेरे साथ आए. पार्टी तोड़ने का काम कभी मैंने नहीं किया है और न करूंगा.