राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिए सम्मान समारोह रखा. समारोह में गहलोत ने ये जानने का प्रयास किया है कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का घोर विरोध करने के बावजूद भी उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान उनकी पार्टी (TMC) को अनुपस्थित कैसे करवा दिया?
कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने कहा कि पश्चिम बंगाल में गवर्नर के तौर पर ममता बनर्जी से उनकी तनातनी की खबरें हमेशा सुर्खियां बनी रहीं. गहलोत बोले कि तीन सालों में ऐसा कोई दिन नहीं था जिस दिन आप दोनों की चर्चा ना हुई हो. लेकिन जब आप उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने, ममता बनर्जी ने आप को जिताने के लिए अनुपस्थित रहना स्वीकार किया, ये कैसा जादू आपने किया, जादूगर तो मैं हूं, लेकिन मुझसे बड़े जादूगर आप निकले. ये जादू क्या था मैं ये जानना समझना चाहता हूं.
अब जानकारी के लिए बता दें कि जब तक जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे, उनकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के साथ तकरार होती रही. मुद्दे अलग रहते थे, लेकिन विवाद हर बार खड़ा हो जाता. एक तरफ धनखड़ आरोप लगाते कि राज्य में अराजकता फैल रही है तो वहीं दूसरी तरफ ममता दावा करतीं कि राज्यपाल के केंद्र के कहने पर काम कर रहे हैं. ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार चलता रहा और दोनों के रिश्तों में हर बार तनाव देखा गया.
लेकिन अब जगदीप धनखड़ उप राष्ट्रपति बन गए हैं. वे अशोक गहलोत के कहने पर उनके रात्रि भोज में भी शामिल हुए हैं. उस रात्रि भोज में सभी विपक्षी दलों के नेता, विधायकों को निमंत्रण भेजा गया है. यहां ये जानना भी जरूरी हो जाता है कि अशोक गहलोत विपक्ष के नेता जरूर हैं लेकिन उनके जगदीप धनखड़ और उनके परिवार से अच्छे संबंध रहे हैं.