मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को अपने आवास पर आए नागरिकों को संबोधित करते हुए सचिन पायलट के केंद्र में मंत्री बनने के पीछे की कहानी का दिलचस्प किस्सा शेयर किया. बताया कि कैसे उन्होंने उस समय सचिन पायलट को केंद्र में मंत्री बनाने में मदद की.
गहलोत ने कहा कि जब मैं दूसरी बार मुख्यमंत्री बना था. तब राजस्थान में कई जगह जातीय संघर्ष था. वसुंधरा सरकार ने आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जरों पर गोली चलवाई थी. घटना में 74 गुर्जरों की मौत हो गई थी.
राजस्थान में उस शासनकाल में एक ही जगह पर फ़ायरिंग की घटना हुई थी. गुर्जर मीणा के बीच जातीय संघर्ष बन गया था. दोनों समाजों में एकता और सद्भाव के लिए भी मैंने कई कदम उठाए थे.
गहलोत ने कहा- मीणा समाज से मैंने नमोनारायण मीणा का नाम दिया था
गहलोत ने बताया कि राजस्थान में उस समय लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 20 सीटें मिली थी. इस जीत के बाद पार्टी ने मंत्री बनाने के लिए मुझसे कई नाम मांगे थे. मैंने केंद्रीय नेतृत्व को उस समय मीणा समाज से नमोनारायण मीणा का नाम दिया था. लेकिन मेरा मानना था कि गुर्जर समाज से भी कोई मंत्री बनना चाहिए.
गहलोत ने कहा- मैंने सचिन पायलट के नाम की सिफारिश की थी
मैंने सचिन पायलट के नाम की सिफ़ारिश की थी. पायलट का नाम गुर्जर समाज ने दिया था. बाद में सचिन पायलट का मेरे पास फ़ोन आया था. उन्होंने मुझसे मंत्री बनाने के लिए मदद करने का आग्रह किया था. मैंने उनसे कहा कि मैंने बिना आपके कहे ही आपके नाम की रिकमेंडशन कर दी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैं 3 बार मुख्यमंत्री, केंद्र में मंत्री रहा हूं. PCC अध्यक्ष रहा हूं. मैं मेरे जीवन में राजनीतिक तौर पर पूरे तरीक़े से संतुष्ट हूं.
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