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गृह मंत्रालय बोला-असम समझौता समिति की रिपोर्ट राज्य सरकार के पास, विपक्ष का CM पर निशाना

केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि असम समझौता समिति की रिपोर्ट विचार के लिए राज्य सरकार के पास है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में दिए गए एक लिखित जवाब में ये जानकारी दी.

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सर्बानंद सोनोवाल (फाइल फोटो)
सर्बानंद सोनोवाल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में दी जानकारी
  • असम समझौता समिति की रिपोर्ट राज्य सरकार के पास
  • असम में राज्य सरकार का विरोध

केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि असम समझौता समिति की रिपोर्ट विचार के लिए राज्य सरकार के पास है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में दिए गए एक लिखित जवाब में ये जानकारी दी. सरकार के इस जवाब के बाद असम में विरोध शुरू हो गया है. असम सरकार पर आरोप है कि वह रिपोर्ट को मंजूरी देने में देरी कर रही है. 

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1985 के समझौते के खंड 6 में कहा गया है कि असम के लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषाई पहचान और विरासत की रक्षा, संरक्षण और बढ़ावा देने के लिए संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक सुरक्षा उपाय, उपयुक्त हो सकते हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में कहा कि असम समझौते के खंड 6 पर गृह मंत्रालय द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट असम सरकार को सौंप दी है और उसकी सिफारिशों पर राज्य सरकार विचार कर रही है.

रिपोर्ट इस साल फरवरी में सौंपी गई. समिति की कार्य शर्तों के अनुसार, वह असम विधानसभा तथा स्थानीय निकायों में असमिया लोगों के लिए सीटों के आरक्षण के उचित स्तर का आकलन करेगी. रिपोर्ट पर सरकार की ओर से एक्शन नहीं दिखने के बाद समिति के चार सदस्यों- ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के तीन वरिष्ठ नेताओं और अरुणाचल प्रदेश के एडवोकेट जनरल निलय दत्ता ने स्वतंत्र रूप से पिछले महीने रिपोर्ट की बातें सार्वजनिक कर दी. 

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रिपोर्ट में सिफारिश की गई कि 1951 को कट-ऑफ ईयर मानकर इस सवाल का समाधान किया जाए कि कौन असम का नागरिक है. निलय दत्ता ने बुधवार को ट्वीट किया कि समिति की रिपोर्ट असम सरकार के पास विचार के लिए है. क्या इसे कभी केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा भी गया था. सरकार ने राज्यसभा में इसपर कुछ नहीं कहा. उन्होंने सीएम को टैग करते हुए कहा कि मुझे दुख हुआ. कम से कम आज तो दिल से असम से बात करें. 

AASU के महासचिव और समिति के सदस्य लुरिनज्योति गोगोई ने कहा कि यह साबित करता है कि राज्य सरकार समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं. ऐसा लगता है कि सिफारिशों को लागू करने का वादा राजनीतिक खेल था.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद रिपुन बोरा ने कहा कि सीएम ने कहा था कि वे समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करेंगे, लेकिन वे कुछ भी नहीं कर रहे हैं. रिपोर्ट में ऐसा क्या है कि सरकार उसपर विचार कर रही है. वहीं, सीएम सोनोवाल ने कहा कि सरकार समिति की सिफारिशों के अनुसार असम समझौते के खंड 6 को लागू करने के लिए कदम उठाएगी. 


 

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