पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है. त्रिपुरा में बीजेपी एक बार फिर से सत्ता में वापसी करती दिख रही है तो नगालैंड में बीजेपी-एनडीपीपी बढ़त बनाए हुए हैं. मेघालय में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता दिख रहा है. पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में मेघालय ही एक ऐसा राज्य है, जहां पर त्रिशंकु विधानसभा के आसार दिख रहे हैं. ऐसे में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा नतीजे आने से पहले ही एक्टिव हो गए हैं और पूर्वोत्तर में उनकी नजर मेघालय पर है, जहां एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही है.
हेमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार की रात गुवाहटी में मेघालय के मुख्यमंत्री और एनपीपी अध्यक्ष कोनराड संगमा से मुलाकात की. पूर्वोत्तर में बीजेपी की अगुआई वाली नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट अलायंस के हेमंत सरमा मुखिया हैं. पूर्वोत्तर के तीनों के राज्यों का जिम्मा उनके कंधों पर है. यही वजह है कि जब हेमंत सरमा को पता चला कि कोनराड संगमा गुवाहटी के एक होटल में ठहरे हैं तो वह होटल जाकर संगमा से मिले. दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात चुनाव नतीजे से महज एक दिन पहले रात के समय हुई है.
मेघालय विधानसभा चुनाव में एनपीपी, बीजेपी, कांग्रेस, टीएमसी सहित सभी दल अकेले-अकेले मैदान में उतरे थे. मतगणना के रुझानों को देखें तो एनपीपी 26 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती नजर आ रही है तो बीजेपी पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतती हुई दिख रही है. बीजेपी 12 सीटों पर आगे चल रही है तो कांग्रेस 6 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. मेघालय में फिलहाल किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता दिखा रहा है. ऐसे में बीजेपी से लेकर कांग्रेस तक किंगमेकर बनते नजर आ रहे हैं.
... और टूट गया भाजपा-NPP गठबंधन
मेघालय में पिछले पांच साल तक एनपीपी की अगुआई वाली सरकार का भाजपा भी हिस्सा थी, लेकिन चुनाव से ठीक पहले सीट बंटवारे को लेकर हुए विवाद के चलते ये गठबंधन टूट गया था. इसके बाद दोनों दलों ने अकेले-अकेले चुनाव लड़ा था और दोनों ही दलों की सीटें बढ़ रही हैं, लेकिन बहुमत अपने दम पर किसी को भी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में हेमंत बिस्वा सरकार की कोनराड संगमा के साथ मुलाकात के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं. साथ ही सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी और एनपीपी एक बार फिर से साथ आएंगे?