देश की 3 लोकसभा और 29 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे के कई सियासी संदेश निकले हैं. पांच राज्यों के चुनाव से पहले आए इन नतीजों ने राजनीतिक दलों की धड़कनों को बढ़ा दिया है. उपचुनाव में जिसकी सत्ता उसे सियासी फायदा मिलने का ट्रेंड दिखा है और क्षेत्रीय दल अपना सियासी वर्चस्व स्थापित करने में सफल रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी जैसे राष्ट्रीय दलों के लिए चुनावी नतीजे कहीं बेहतर तो कई चिंता बढ़ाने वाला रहा. हालांकि, हिमाचल में करारी हार बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है तो कांग्रेस के लिए इसे 2022 चुनाव से पहले हौसला बढ़ाने वाला माना जा रहा है.
1. हिमाचल में बीजेपी के लिए खतरा
हिमाचल की हार से बीजेपी में चिंता की लहर दौड़ गई है. हिमाचल की एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराए गए. इन चारों सीटों को कांग्रेस ने जीत लिया है. मंडी लोकसभा सीट पर चुनाव तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ही नेतृत्व में लड़ा गया. जुब्बल-कोटखाई में तो बीजेपी जमानत भी नहीं बचा पाई है. हिमाचल के ये परिणाम इसलिए भी बीजेपी के लिए परेशानी पैदा करने वाले हैं कि सूबे में अगले साल आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसे 2022 का सेमीफाइल माना जा रहा है. ऐसे में उपचुनाव के ये नतीजे कांग्रेस के लिए टॉनिक का काम कर सकते हैं. इतना ही नहीं पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी का चुनाव जीतना हिमाचल में कांग्रेस लिए हौसला बढ़ाने वाला है.
2. जिसकी सत्ता उसकी सीट
उपचुनाव के नतीजों ने ये बात भी साफ कर दी कि जिस राज्य में जिसकी सत्ता है, सीट भी उसी की होगी. मसलन, असम में बीजेपी की सरकार है और वहां की पांचों विधानसभा सीटों पर बीजेपी और उसके सहयोगियों की जीत हुई. राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है, वहां दोनों सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है और वहां की 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में ममता की पार्टी ने जीत हासिल की. हालांकि, हिमाचल इसमें अपवाद भी रहा. हिमाचल में भाजपा की सरकार है, लेकिन वहां की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली.
3. हरियाणा में किसान आंदोलन का असर
हरियाणा में ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. यहां से इंडियन नेशनल लोकदल के अभय चौटाला विधायक थे. उन्होंने इस साल जनवरी में कृषि कानूनों के विरोध में इस्तीफा दे दिया था. ऐलनाबाद को इनेलो का ही गढ़ माना जाता है. उपचुनावों में अभय सिंह दोबारा यहां से जीतकर आ गए. ऐलनाबाद में अभय सिंह की ये लगातार चौथी जीत है. उन्हें सबसे ज्यादा 43.49% वोट मिले. हालांकि, इसकी वजह किसान आंदोलन को भी माना जा रहा है. किसान आंदोलन की वजह से बीजेपी उम्मीदवार गोविंद कांडा का लगातार विरोध हो रहा था. हालांकि, उसके बावजूद कांडा ने 39% वोट हासिल किए और दूसरे नंबर पर रहे. माना जा रहा है कि यहां राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी जैसे किसान नेताओं ने आकर बीजेपी की मुखालफत भी की थी. उसका असर भी यहां देखने को मिला.
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4. बिहार में महागठबंधन को संदेश
कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा उपचुनाव में जेडीयू ने जीत दर्ज कर ली है. जेडीयू के अमन भूषण हजारी कुशेश्वर स्थान और राजीव कुमार सिंह तारापुर से जीत गए. ये दोनों ही सीटें पहले भी जेडीयू के पास ही थीं. कुशेश्वर स्थान में तो जेडीयू शुरू से ही आगे रही, लेकिन तारापुर में जेडीयू और आरजेडी के बीच आखिरी तक कांटे की टक्कर चलती रही. उपचुनाव के नतीजे महागठबंधन के लिए बड़ा संदेश भी लेकर आए हैं. उपचुनाव से पहले ही महागठबंधन में तकरार सामने आ गई. आरजेडी और कांग्रेस के बीच तनातनी चलती रही. ये तकरार प्रचार से लेकर वोटिंग तक जारी रहा. वहीं, इसके उलट एनडीए एकजुट रहा. दोनों ही जगह कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे, लेकिन कुशेश्वरस्थान में उसे 5% तो तारापुर में सवा 2% से भी कम वोट मिले.
5. पांच राज्यों के चुनाव पर असर
ये थे तो उपचुनाव लेकिन इनका असर आने वाले 5 राज्यों के चुनावों पर भी देखने को मिल सकता है. वो इसलिए क्योंकि ये उपचुनाव एक-दो राज्य नहीं बल्कि देश के 15 राज्यों में हुए थे. अगले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं और इन उपचुनावों को विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल भी माना जा रहा था. इन उपचुनाव के नतीजों से आगे की राजनीतिक दिशा तय होगी, क्योंकि इससे देश का मूड पता चल गया है.
कोरोना की दूसरी लहर के कहर के बाद हुए इन उपचुनावों में केंद्र सरकार का ज्यादा विरोध भी देखने को नहीं मिला. हालांकि, महंगाई जैसे मुद्दे थोड़े हावी दिखे. हिमाचल के सीएम जयराम रमेश ने खुद कहा कि महंगाई की वजह से उपचुनावों में हार हुई. हिमाचल में बीजेपी के लिए खतरे की घंटी भी रही, क्योंकि यहां भाजपा को जोरदार झटका लगा है. वहीं, कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है जो 2022 से पहले उसके लिए संजीवनी की तरह काम कर सकता है.