प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की तरफ से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई गई है. दो पार्ट में बनी ये डॉक्यूमेंट्री 2002 में हुए गुजरात दंगों का विस्तार से जिक्र करती है. लेकिन भारत में इस डॉक्यूमेंट्री को बैन कर दिया गया है. इसे एक प्रोपेगेंडा बताया जा रहा है. अब कांग्रेस के एक नेता ने भी सरकार के इसी स्टैंड का समर्थन किया है और जो लोग इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें भी कड़ा संदेश दिया है.
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल ने खुलकर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया है. उनकी तरफ से सरकार का समर्थन करते हुए कहा गया है कि हमारे बीजेपी के साथ कई मतभेद हैं. लेकिन इस देश में जो लोग बीबीसी की विचारधारा का समर्थन कर रहे हैं, उस चैनल का जिसका भारत के खिलाफ स्टैंड लेने का पुराना इतिहास रहा है, ये गलत उदाहरण सेट करता है. हमारी देश की संप्रभुता को कम करता है. अब अनिल एंटनी की तरफ से ये बयान उस समय आया है जब केरल में कांग्रेस पार्टी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की तैयारी कर रही है. इस बात को लेकर ऐलान भी हो चुका है.
खुद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर लगे बैन को गलत बताया है. उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है कि अगर आप भगवत गीता या उपनिषद पढ़ेंगे, तो पता चलेगा कि सत्य कभी नहीं छिपता. सत्य सत्य होता है. आप चाहें जितना प्रेस को दबाने की कोशिश कर लें, ED-CBI का इस्तेमाल कर लें, लेकिन सत्य कभी नहीं छिपता. सत्य चमकीला होता है. यह छिपाए नहीं छिपता. यह सामने आ ही जाता है. अब यानी कि राहुल गांधी की तरफ से बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ कुछ नहीं बोला गया है, लेकिन उन्हीं के पार्टी के एक दूसरे नेता उस डॉक्यूमेंट्री पर सवाल उठा दिए गए हैं, उनकी तरफ से तो उन लोगों को भी कठघरे में खड़ा किया गया है जो ये डॉक्यूमेंट्री दिखाने की बात कर रहे हैं.
अब जानकारी के लिए बता दें कि बीबीसी ने दो पार्ट वाली एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है. उसमें गुजरात दंगों का जिक्र किया गया है, उन पीड़ितों से बात की गई है जिन्होंने उन दंगों में सबकुछ खो दिया. लेकिन डॉक्यूमेंट्री के कंटेंट को लेकर भारत सरकार ने आपत्ति जाहिर की है. विदेश मंत्रालय ने उसे एक प्रोपेगेंडा पीस बता दिया है.