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पश्चिम बंगाल की राजनीति में मंगलवार का दिन जबरदस्त बवाल लेकर आया. इस बवाल के दौरान जमकर हिंसा हुई, आगजनी हुई और पुलिस की कठोर कार्रवाई ने भी जमीन पर तनाव बढ़ा दिया. इस वजह से कई बीजेपी नेता को हिरासत में भी लिया गया. 10 प्वाइंट में समझते हैं कि आखिर बंगाल में ये बवाल क्यों मचा, किस तरह से ये पूरा घटनाक्रम घटित हुआ.
1. पिछले कुछ समय से पश्चिम बंगाल में ममता सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. फिर चाहे पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी रही हो या फिर अनुब्रत मंडल पर मवेशी तस्करी का आरोप. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर बीजेपी ने कोलकाता में सचिवालय तक मार्च निकालने की तैयारी की थी. हजारों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता उत्तर और दक्षिण बंगाल से पहुंचे थे.
2. अब इस प्रदर्शन की जानकारी क्योंकि बंगाल पुलिस को पहले से थी, ऐसे में ना सिर्फ भारी संख्या में फोर्स तैनात की गई, बल्कि पुलिस ने हावड़ा से सचिवालय की ओर जाने वाली सभी रोड पर बैरिकेडिंग लगा दी थी.
3. इस बैरिकेडिंग को पार करने की वजह से बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली. जो तस्वीरें सामने आईं उसमें पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया, आंसू गैस के गोले दागे.
4. अब पुलिस ने कार्रवाई की तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भी अपनी तरफ से जवाब दिया. इस जवाबी कार्रवाई में ही कई पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए. कोलकाता पुलिस के असिस्टेंट कमिश्नर देबजीत चटर्जी के तो हाथ में फ्रैक्चर हो गया और उनका अस्पताल में इलाज जारी है.
(असिस्टेंट कमिश्नर देबजीत चटर्जी के हाथ में फ्रैक्चर)
5. बवाल की तस्वीरें तो बड़ा बाजार थाने के बाहर से भी सामने आई थीं. वहां पर एक पुलिस वैन को आग के हवाले कर दिया गया. पुलिस ने इस पूरे बवाल के लिए बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी, लॉकेट चटर्जी और राहुल सिन्हा को हिरासत में लिया था. कुछ दूसरे बीजेपी नेताओं को भी पुलिस ने डिटेन किया. ये अलग बात रही कि शाम तक शुभेंदु को छोड़ दिया गया.
6. वैसे बीजेपी नेताओं पर पुलिस पर हमला करने का आरोप लगा है तो पार्टी की तरफ से भी दावा हुआ है कि उनकी नेता मीना देवी के साथ पुलिस ने बदसलूकी की. इस मामले ने भी काफी तूल पकड़ा है. अभी के लिए NCW ने मामले का संज्ञान ले लिया है और जांच की जा रही है.
7. इस पूरे विवाद पर शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि ममता बनर्जी राज्य में नॉर्थ कोरिया जैसा शासन स्थापित करना चाहती हैं. उनके पास लोगों का समर्थन नहीं है. इसी वजह से वे ये सब कर रही हैं. लेकिन सोमवार से पुलिस जो कर रही है, उन्हें भी भारी कीमत चुकानी होगी. बीजेपी आ रही है.
8. इसी तरह बीजेपी के दिलीप घोष का कहना है कि मुझे आश्चर्य है कि पश्चिम बंगाल में इतने पुलिसकर्मी कहां से आ गए. जब कोयले और मवेशियों की तस्करी हो रही थी, तो ये पुलिस कहां थी. जब अशांति होती है जब बम विस्फोट होता है, जब आप पुलिस को बुलाते हैं तो जवाब मिलता है कि पुलिस बल नहीं है.
9. अब बीजेपी के आरोपों पर टीएमसी ने भी पलटवार किया है. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने दो टूक कहा है कि त्योहार के समय बीजेपी ने माहौल खराब करने की साजिश की है. सरेआम सड़कों पर गुंडागर्दी की गई है.
10. खबर तो ये भी है कि बीजेपी ने मंगलवार के इस प्रदर्शन के लिए बकायदा कई ट्रेनों से कार्यकर्ताओं को कोलकाता आने को कहा था. कई बस भी इसी काम के लिए बुक कर ली गई थीं. लेकिन पार्टी का आरोप है कि बंगाल पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को ट्रेन-बस में बैठने ही नहीं दिया और बीच में रोक लिया. ऐसे में ये बवाल अभी नहीं थमने वाला है और आने वाले दिनों में इस पर सियासत और आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज हो सकता है.