कांग्रेस में फिर एकबार नई ऊर्जा का संचार करने इन दिनों कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही है. 3600 किलोमीटर लंबी इस यात्रा का नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे हैं. कांग्रेस की ये यात्रा 12 राज्यों से गुजरने वाली है.
ये पहली बार नहीं है, जब राहुल कांग्रेस नेताओं के साथ पदयात्रा कर रहे हैं. इससे पहले भी वे 6 बार बड़ी यात्राओं का नेतृत्व कर चुके हैं. उनकी पिछली 6 यात्राओं पर गौर करें तो उन्होंने कई जरूरी मुद्दे उठाए हैं. लेकिन एक मुद्दा उन्होंने बेहद जोरशोर से उठाया है और वह मुद्दा है किसानों का. राहुल इससे पहले उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पदयात्राएं कर चुके हैं.
पंजाब: निकाली 3 हजार ट्रैक्टर्स की रैली
राहुल गांधी ने 4 अक्टूबर 2020 को पंजाब में तीन दिवसीय 'खेती बचाओ यात्रा' की शुरुआत की. इस यात्रा का मकसद 'काले' कृषि कानूनों से लड़ाई और शक्तिशाली निगमों की पकड़ से किसानों को बचाने को बनाया गया. इस यात्रा में राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को बेच दिया. तब उन्होंने बधनी कलां से जटपुरा तक ट्रैक्टर यात्रा भी निकाली, इसमें करीब 3 हजार ट्रैक्टर्स ने भाग लिया.
UP: चुनावी साल में निकाली किसान महायात्रा
सितंबर 2016 में राहुल ने उत्तर प्रदेश में 'किसान महायात्रा' की. उन्होंने 26 दिनों तक चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश पदयात्रा की. 'देवरिया से दिल्ली' तक चली उनकी यात्रा राज्य में सत्ता से कांग्रेस के 27 साल के वनवास को समाप्त करने की नीति का हिस्सा थी. इस दौरान राहुल ने 3,438 किलोमीटर की यात्रा की, जो 6 सितंबर 2016 को गोरखपुर मंडल के देवरिया में शुरू हुई और 141 विधानसभा सीटों और 48 जिलों का दौरा किया. हालांकि, इसका कोई सकारात्मक प्रभाव चुनाव पर देखने को नहीं मिला. 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 7 सीटें मिलीं.
UP: 6 किलोमीटर पैदल चलकर सुपा पहुंचे
23 जनवरी 2016 को राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के सूखा प्रभावित क्षेत्र में पदयात्रा करने के लिए बुंदेलखंड पहुंचे. राहुल सड़क मार्ग से बुंदेलखंड क्षेत्र के महोबा जिले पहुंचे और सुपा गांव में किसानों के साथ बैठक करने के लिए 6 किलोमीटर पैदल चलकर गए.'पदयात्रा' का मकसद किसानों के मुद्दों को उठाना और प्रभावित परिवारों से मिलना था.
आंध्र प्रदेश: किसानों-बुनकरों से की बात
24 जुलाई 2015 को राहुल गांधी ने आंध्र प्रदेश के सूखा प्रभावित अनंतपुर जिले में एक 'पदयात्रा' की, जिस गांव से वे गुजरे वहां इंदिरा गांधी ने 1979 में एक सभा को संबोधित किया था. रास्ते में राहुल ने किसानों-बुनकरों और छात्रों के साथ बातचीत की.
तेलंगाना: बढ़ाया पार्टी कैडर का मनोबल
15 मई 2015 को राहुल ने आंध्र प्रदेश के आदिलाबाद जिले में 15 किलोमीटर लंबी 'पदयात्रा' की. पदयात्रा के दौरान राहुल गांधी आदिलाबाद जिले के निर्मल में किसानों और बीड़ी मजदूरों से मिले. उन्होंने 15 किलोमीटर की पदयात्रा के दौरान आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की. राहुल की यात्रा को पार्टी कैडर के मनोबल को बढ़ाने के रूप में देखा गया, क्योंकि 2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद यह राज्य की उनकी पहली यात्रा थी.
महाराष्ट्र: 1200 आबादी वाले गांव पहुंचे राहुल
30 अप्रैल 2015 को राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अमरावती जिले में 15 किलोमीटर की 'किसान पदयात्रा' शुरू की. राहुल गांधी ने अपनी 'किसान पदयात्रा' गुंजी गांव से शुरू की और रास्ते में किसानों से मिलते हुए 15 किमी की दूरी तय करते हुए रामगांव के लिए रवाना हुए. राहुल ने किसानों के परिवारों से बात की और उनकी समस्याओं और उन्हें प्रभावित करने वाले मुद्दों को जाना. वह गुंजी गांव में आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार के सदस्यों से भी मिले. गुंजी एक छोटा सा गांव है, जहां की आबादी 1,200 है. यहां के लोग की आय का जरिया खेती ही है.
(बिकेश सिंह)