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'मैंने भी सफेद टी-शर्ट पहनी, लेकिन तपस्वी नहीं', भारत जोड़ो यात्रा पर उमर अब्दुल्ला

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में उमर अब्दुल्ला ने भी हिस्सा लिया था. उस यात्रा में राहुल गांधी की तरह उन्होंने भी सफेद टी-शर्ट पहनी. अब उस टी-शर्ट को लेकर उमर ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने खुद को कोई तपस्वी मानने से इनकार कर दिया है.

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राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला (पीटीआई)
राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला (पीटीआई)

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा समाप्त हो चुकी है. जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में यात्रा कल यानी कि 30 जनवरी को खत्म हुई. इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी को कई पार्टियों का सहयोग मिला. विचारधारा अलग रही, लेकिन यात्रा में फिर भी शामिल हुआ गया. इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी भारत जोड़ो यात्रा में हिस्सा लिया था. उनकी तरफ से राहुल गांधी के साथ टी-शर्ट में मार्च भी निकाला गया. उनकी वो तस्वीर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय रही थी.

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राहुल पर तंज या फिर सिर्फ बयान?

अब उस वायरल तस्वीर पर उमर अब्दुल्ला ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने राहुल पर किसी तरह का निशाना तो नहीं साधा, लेकिन इतना जरूर कह दिया है कि उनका टी-शर्ट पहनना उन्हें तपस्वी नहीं बना देता है. उमर ने कहा कि मैंने भी यात्रा के दौरान सफेद टी-शर्ट पहनी थी. लेकिन मैं कोई तपस्वी नहीं था. मैंने भी अपनी दाढ़ी बढ़ाई थी, लेकिन वो किसी तरह का कोई राजनीतिक विरोध नहीं था. वहीं अलग विचारधारा होने के बावजूद भी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन किया, इस पर भी उमर ने प्रतिक्रिया दी.

हिंदू सीएम देने पर उमर क्या बोले?

उमर ने जोर देकर कहा कि उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के विचार में विश्वास था. कांग्रेस के साथ राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन यात्रा का उदेश्य उससे बड़ा था. मुझे इस बात का दुख है कि विपक्ष ने राहुल गांधी का ज्यादा साथ नहीं दिया. उमर ने ये जरूर माना है कि कांग्रेस कभी भी विपक्ष का केंद्र होने का दावा नहीं कर सकती है. अब एक तरफ उमर अब्दुल्ला की तरफ से कांग्रेस का साथ दिया गया तो दूसरी तरफ उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना भी साधा. उन्होंने दावा कर दिया है कि बीजेपी जम्मू्-कश्मीर में चुनाव नहीं करवाना चाहती है, वो इससे डर चुकी है. उनकी तरफ से बडा बयान देते हुए ये भी कहा गया कि वे जम्मू-कश्मीर में हिंदू सीएम के लिए तैयार हैं, उन्हें इससे कोई परहेज नहीं है. लेकिन बीजेपी द्वारा जब पीडीपी के साथ सरकार बनाई गई थी, पार्टी ने एक बार भी हिंदू सीएम देने का प्रयास नहीं किया.

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