नागपुर में सोमवार रात हुई हिंसा के मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. औरंगजेब की क्रब को लेकर उभरे इस विवाद के बाद पूरे देश में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने साफ कहा है कि समाज में किसी भी तरह की हिंसा की कोई जगह नहीं है और औरंगजेब आज के समय में प्रासंगिक नहीं है. अब संघ के इस बयान को लेकर बीजेपी के ही सहयोगी दलों ने सवाल उठाए हैं. नागपुर संघ मुख्यालय के कार्यक्रम में 11 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होने वाले हैं. ऐसे में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग पर विवाद गहराता जा रहा है.
दरअसल, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल जैसे संगठन लगातार औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन संघ परिवार से जुड़े लोगों ने इस मांग को लेकर अब स्पष्ट संकेत दिए हैं कि संघ किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने कहा कि औरंगजेब का काल ऐतिहासिक रूप से बीत चुका है और वह आज के समय में कोई प्रासंगिकता नहीं रखता.
औरंगजेब की कब्र को लेकर सियासत गर्म
औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर सियासत गर्म हो गई है. जहां बीजेपी से जुड़े कुछ नेता और संगठन इस मांग का समर्थन कर रहे हैं, वहीं जेडीयू और एनसीपी ने इसे गलत बताया है. अजित पवार की पार्टी के नेता अमोल मितकारी ने कहा, "अगर कुछ लोगों को हिम्मत है, तो वे खुद अपने बेटे के साथ फावड़ा लेकर औरंगजेब की कब्र तोड़ने जाएं. लेकिन ऐसा नहीं होगा, क्योंकि इन नेताओं के बच्चे विदेश में पढ़ते हैं और ऐशो-आराम की जिंदगी जीते हैं. यह केवल हिंदुओं को उकसाने की राजनीति है."
जेडीयू के नेता केसी. त्यागी ने कहा, "हम औरंगजेब के कार्यकाल को अच्छा नहीं मानते, लेकिन किसी की कब्र के साथ छेड़छाड़ करना हमारी परंपरा नहीं रही है. महाभारत और रामायण में भी ऐसा उल्लेख नहीं मिलता."
नागपुर हिंसा का मास्टरमाइंड फहीम खान गिरफ्तार
नागपुर हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक छह एफआईआर दर्ज की हैं. इस मामले में फहीम खान नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिसे हिंसा भड़काने का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. पुलिस की जांच में सामने आया है कि 17 मार्च को हुई घटना से पहले ही फहीम खान के समर्थकों ने औरंगजेब के समर्थन में नारे लगाए थे. हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों से बदसलूकी की और उन्हें भद्दे इशारे भी किए. पुलिस के पास हिंसा से पहले के वीडियो सबूत भी मौजूद हैं, जिनके आधार पर कार्रवाई की जा रही है.