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'अलग आईपीसी और कोर्ट चाहता है राहुल गांधी परिवार,' संसद सदस्यता जाने पर बीजेपी का हमला

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी ने एक सार्वजनिक सभा में प्रधानमंत्रीजी के सरनेम के साथ अपशब्द जोड़ा था. जातिवाचक शब्द का प्रयोग करके अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. इस आरोप पर सूरत कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उससे साफ है कि भारत की कानून व्यवस्था और प्रजातांत्रिक पद्धति से ऊपर कोई नहीं है.

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नई दिल्ली में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बीजेपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
नई दिल्ली में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बीजेपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने पर कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मानहानि केस में राहुल को सजा हुई है. उन्होंने सार्वजनिक सभा में प्रधानमंत्री को लेकर जातिवाचक शब्दों से अपमानित किया था. कानून से ऊपर कोई नहीं है. कांग्रेस खासकर राहुल गांधी परिवार अपने लिए अलग आईपीसी चाहता है. धर्मेंद्र ने कहा कि भारत आजाद हो गया है और सामंतवादियों के हाथ में नहीं है. यहां प्रजातंत्र है. किसी को गाली-गलौज और जातिवाचक शब्दों का प्रयोग करने का अधिकार नहीं है. कोई भी हो. ये केस 2019 से चल रहा था. इसमें सरकार या बीजेपी का कोई दखल नहीं था. कोर्ट ने राहुल को दोषी पाया और 2 साल की सजा सुनाई. 

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धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोर्ट ने जनप्रतिनिधि कानून 1953 के तहत सजा मिलने पर सदस्यता जाने का नियम है. ये पहली बार नहीं हुआ है. लोकसभा में कई सदस्यों की सदस्यता गई है. कानून कहता है कि सदस्यता दोष सिद्ध होने के साथ चली जाती है. उन्होंने कहा- समय कैसे क्रूर और निष्ठुर होता है, मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं. शहजादे और उनके जो चाटुकार छाती पीट रहे हैं, उन्हें 2013 की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को याद दिलाना चाहता हूं. तब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे. उन्हीं की सरकार थी. उनके घर ही रिमोट होता था. इस कानून को संशोधन करने का उनका ही फैसला था. सजा होने के उपरांत कब सदस्यता जाएगी. उनकी सरकार ही ऑर्डिनेंस लेकर आई थी और उस ऑर्डिनेंस को नॉनसेंस कहकर फाड़ने वाले आज जब उसी कानून की चपेट में आए तो कष्ट हो रहा है. 

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'पहले उपाय क्यों नहीं किए?'

प्रधान ने कहा- मेरे मन में संदेह होता है कि क्या सच में उनकी पार्टी सदस्यता को लेकर चिंतित थी क्या. उनकी पार्टी में बहुत-बहुत बड़े बड़े वकील हैं. जब एक सदस्य ने कल ही कह दिया था कि सजा होते ही सदस्यता चली जाएगी तो क्यों उपाय नहीं किए. पिछले दिनों देखा होगा कि पवन खेड़ा के वारंट के चंद घंटे बाद कोर्ट पहुंचे और राहत लेकर लौटे. उनको किसने मना किया था कोर्ट जाने से. 

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'अलग आईपीसी और कोर्ट चाहता है राहुल परिवार'

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खासकर राहुल का परिवार उनके लिए अलग आईपीसी चाहता है. उस आईपीसी के तहत उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए. वे उसके लिए एक अलग न्यायपालिका चाहते हैं. हालांकि, उनको याद नहीं आ रहा है कि भारत पिछले 75 साल से प्रजातंत्र का रास्ता अपना चुका है. हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. लोकतंत्र में कानून सभी के लिए समान है. आप पिछले समाज को गाली दोगे और वंचित वर्ग को नीचा दिखाओगे. अलग कानून चाहोगे. ये सामंतवादी सोच का प्रतीक है. हम समूह से अलग हैं. क्यों.. हम एक खानदान से आते हैं. हम एक परिवार से आते हैं. हम कानून से ऊपर नहीं हैं. ये पहली बार नहीं है. घर, सुरक्षा और एयरपोर्ट पर अलग जाने के बारे में देखने को मिला है. 

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'अपशब्द बोलना... आदत बन गई थी'

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी राहुल पर हमला बोला. उन्हों कहा कि राहुल ने बोला था- कहा जाता है कि भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं. राहुल गांधी कहते थे दुर्भाग्य से सांसद हूं. जो उनको दुर्भाग्य लगता था, आज उससे भी उनको मुक्ति मिल गई है. वायनाड के लोगों को भी छुटकारा मिल गया. ठाकुर ने कहा कि इतने लंबे समय से जो लोकसभा का सदस्य हो, 2009 से 2014 तक... 5 वर्षों में कभी अमेठी के लिए सवाल नहीं पूछ पाए. इतने वर्षों में सिर्फ 21 डिबेट्स में हिस्सा लिया. यह अपने आप में उनके बारे में बताता है. अभद्र भाषा का प्रयोग, अपमान करने का काम, अपशब्द बोलना...ये उनकी आदत सी बन गई थी.

पटना हाईकोर्ट में भी मामला पेंडिंग

अनुराग ने कहा- उनको (राहुल) लगता था कि कुछ भी कह दो, कर दो… आपको तो देश में कोई कुछ बोल ही नहीं सकता. वो अपने आपको सभी चीजों से ऊपर समझते थे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बार-बार इस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं. वे वायनाड से सांसद बने और फिर उन्होंने अमेठी के लोगों का अपमान किया. वे विदेश जाते हैं और देश का अपमान करते हैं. वे भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य को नहीं पहचानते. राहुल गांधी पहले से ही नेशनल हेराल्ड के एक भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर हैं. उन्होंने 2018 में सुप्रीम कोर्ट में मानहानि के एक मामले में माफी मांगी और 2019 में उन्होंने कहा कि सभी चोर मोदी क्यों हैं? और उन्होंने इसे बार-बार कहा. सुशील कुमार मोदी द्वारा दायर पटना हाई कोर्ट में एक केस पेंडिंग है और वह पहले से ही जमानत पर हैं. उन्हें इस तरह के बयान देने की आदत है. उन्हें लगता है कि गांधी परिवार कुछ भी कर सकता है.

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