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त्रिपुरा: निकाय चुनाव में BJP ने किया क्लीन स्वीप, 1 सीट पाकर भी क्यों उत्साहित है TMC

बीजेपी ने 112 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल कर ली थी. वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने तीन, टीआईपीआरए और तृणमूल कांग्रेस को 1-1 सीट पर सब्र करना पड़ा. मुख्य रूप से बीजेपी, टीएमसी और सीपीआई (एम) के बीच लड़े गए चुनाव में सभी पार्टियों ने जमकर दमखम लगाया, लेकिन जीत भाजपा के खाते में आई.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी ने 112 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की
  • प्रतिमा भौमिक बोलीं, "जीत सभी साजिशों का जवाब"

त्रिपुरा में रविवार को नगर निकाय चुनावों के नतीजे घोषित हो गए. जिसमें बीजेपी ने क्लीन स्वीप कर दिया है. भाजपा खेमे ने 334 सीटों में से 329 सीटों पर जीत का परचम लहराया.

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बीजेपी ने 112 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल कर ली थी. वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने तीन, टीआईपीआरए और तृणमूल कांग्रेस को 1-1 सीट पर सब्र करना पड़ा. मुख्य रूप से बीजेपी, टीएमसी और सीपीआई (एम) के बीच लड़े गए चुनाव में सभी पार्टियों ने जमकर दमखम लगाया, लेकिन जीत भाजपा के खाते में आई.

केंद्रीय मंत्री और त्रिपुरा की भाजपा नेता प्रतिमा भौमिक ने कहा कि यह जीत उन सभी 'साजिशों' का जवाब है, जो हमारे खिलाफ बनाई गई थीं. इसके लिए कुछ पार्टियां सुप्रीम कोर्ट तक गई थीं.

प्रतिमा भौमिक ने कहा कि यह हमारे लिए सेमीफाइनल नहीं, बल्कि फाइनल मुकाबला था. अगरतला नगर निगम में लगभग 4 लाख लोग हैं, जिन्होंने हमें वोट दिया है. यह उन साजिशों को हराने वाला है जो हमारे खिलाफ रची गईं. उन्होंने कहा कि लोगों ने विपक्षी दलों को अच्छी तरह से जवाब दिया है.

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निकाय चुनावों से कुछ महीने पहले ही त्रिपुरा में चुनावी जोर-आजमाइश करने वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) के अभिषेक बनर्जी ने एक के बाद एक तीन दौर किए.अगरतला नगर निगम की सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए. हालांकि, टीएमसी ने अगरतला में कोई सीट नहीं जीती. लेकिन त्रिपुरा में अंबासा नगर पालिका में केवल एक जीत से संतोष करना पड़ा.

टीएमसी के अभिषेक बनर्जी ने कहा कि नगण्य उपस्थिति वाली पार्टी के लिए यह असाधारण बात है कि वह सफलतापूर्वक नगरपालिका चुनाव लड़े और 20% से अधिक वोट शेयर के साथ राज्य में मुख्य विपक्ष के रूप में उभरे. हमने महज 3 महीने पहले त्रिपुरा में अपनी गतिविधियों की शुरुआत की. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने त्रिपुरा में कसाई लोकतंत्र बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा जिसे वामपंथ का गढ़ माना जाता था, वहां तृणमूल का उछाल देखा जा रहा है.

काउंटिंग खत्म होने के बाद सुष्मिता देव ने कहा कि यह वो परिणाम नहीं है, जिनकी उन्हें उम्मीद थी. लेकिन टीएमसी को प्रमुख विपक्षी दल बनाने के लिए मिले वोट अप्रत्याशित हैं. यह तो महज एक अंतर्धारा थी, असली लहर तो 2023 में आएगी. इतना ही नहीं उन्होंने चुनाव में धांधली का आऱोप लगाते हुए कहा कि अगरतला में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. बता दें टीएमसी त्रिपुरा से पहली बार चुनाव लड़ी है.

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वाम मोर्चा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने कहा कि शहरी निकाय चुनाव में बीजेपी ने जीतने के लिए राज्य की मशीनरी का इस्तेमाल किया. टीएमसी ने अगरतला के कुछ इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन शेष नगर निकायों में टीएमसी कहां है.

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