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चुनाव पर मंथन, विपक्ष के एजेंडे पर नजर और भारत की ग्लोबल छवि... बीजेपी कार्यकारिणी बैठक में क्या-क्या हुई चर्चा

इस साल कई बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. कर्नाटक, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, राजस्थान, तेलंगाना जैसे राज्यों में बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. राजस्थान-कर्नाटक तो पार्टी के लिए साख की लड़ाई है. एक राज्य में सरकार फिर बनानी है तो दूसरे में उसे बचाने की कवायद है.

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पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी

2024 का लोकसभा चुनाव अभी थोड़ा दूर है. उससे पहले 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं. यानी कि फाइनल से पहले सेमीफाइनल में सफल होना जरूरी है. उसी सफलता की रणनीति बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक बुलाई. बैठक में प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पहुंचे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहे, राज्यों के मुख्यमंत्री और हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता आए. बैठक का उदेश्य था चुनावी मंथन, विपक्ष के एजेंडे का तोड़ और विदेशी धरती पर भारत की बढ़ती साख को कैसे भुनाया जाए. इन तीन मुद्दों पर कई घंटों तक बातचीत हुई, जेपी नड्डा ने अपने विचार रखे, आगे की रणनीति पर विचार हुआ.

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चुनावी रणनीति और बूथ मैनेजमेंट पर फोकस

इस साल कई बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. कर्नाटक, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, राजस्थान, तेलंगाना जैसे राज्यों में बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. राजस्थान-कर्नाटक तो पार्टी के लिए साख की लड़ाई है. एक राज्य में सरकार फिर बनानी है तो दूसरे में उसे बचाने की कवायद है. अब उसी रणनीति को लेकर बीजेपी ने अपनी कार्यकारिणी बैठक में मंथन किया है. जेपी नड्डा ने दो टूक कहा है कि पार्टी को सभी 9 राज्यों में होने वाले चुनाव में जीत दर्ज करनी है. उन जीतों के जरिए ही 2024 के सबसे बड़े लोकसभा चुनाव की रूपरेखा तैयार होगी. पार्टी के अलग-अलग नेता जब मीडिया के सामने आए, तो पूरी रणनीति स्पष्ट हो गई. हमेशा की तरह बीजेपी का प्राइम फोकस इस बार भी बूथ मैनेजमेंट रहने वाला है. जमीन पर संगठन मजबूत हो, पार्टी की हर योजना का प्रचार हर घर तक हो, इसे लेकर ही मंथन हुआ है. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कमजोर बूथ को मजबूत करने के क्रम में 72 हज़ार चिन्हित किए गए थे. पीएम ने इसका निर्देश दिया था. लोकसभा के 100 और विधानसभा के 25 बूथ चिन्हित किए गए थे. 1 लाख तीस हजार बूथ तक पार्टी पहुंची है.

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लक्ष्यों से भी आगे निकली बीजेपी?

अब इससे पहले भी बीजेपी ने इसी रणनीति का पालन करते हुए उन लोकसभा सीटों को टारगेट किया था, जहां पर उसकी हार हुई थी. गृह मंत्री अमित शाह ने उस रणनीति का नेतृत्व किया था और उन्हीं की अध्यक्षता में पार्टी के अलग-अलग नेताओं ने कमान संभालते हुए जमीन पर काम किया. उसी कड़ी में बीजेपी की जो कार्यकारिणी बैठक हुई है, उसमें जानकारी दी गई है कि पार्टी इस समय कुछ मामलों में अपने निर्धारित लक्ष्यों से भी आगे चल रही है. उदाहरण के लिए हाईकमान का निर्देश था कि 72 हजार बूथ तक पहुंचना था, लेकिन बैठक के दौरान बताया गया कि पार्टी ने 1 लाख तीस हजार बूथ तक अपनी उपस्थिति दर्ज करवा ली है.

विपक्ष का एजेंडा, कोर्ट ने ही नकारा, पार्टी का दावा

अब बीजेपी की कार्यकारिणी बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया था. इस प्रस्ताव में कई मुद्दों पर चर्चा की गई. विपक्ष के नेरेटिव को चोट पहुंचाई गई और पीएम मोदी की जमकर तारीफ हुई. उस प्रस्ताव के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दो दिवसीय कार्यकारणी में चार राज्य त्रिपुरा ,नगालैंड, मेघालय और कर्नाटक में पार्टी गतिविधि की जानकारी दी गई. राजनीतिक प्रस्तावन किरेन रिजिजू ने रखा और इसका अनुमोदन केशव प्रसाद मौर्य और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने किया.  इसमें पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष की नकारात्मक कैंपेन की बात कही गई.

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पीएम मोदी की हुई जमकर तारीफ

बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान पार्टी को इस बात की खासा खुशी रही कि जिन मुद्दों पर विपक्ष ने सबसे ज्यादा हंगामा किया, जिन मुद्दों के जरिए सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, उन सभी मामलों में अदालत ने क्लीन चिट दी. पेगासिस, रफेल, मनी लांड्रिंग का केस चलाना, आर्थिक आधार पर आरक्षण, नोटबंदी कुछ ऐसे मामले रहे, जहां पर देशी की सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले से केंद्र सरकार को बड़ी राहत दी और विपक्ष की घेराबंदी की हवा निकाल दी. कार्यकारिणी बैठक में माना गया कि कोर्ट द्वारा ही विपक्ष के निगेटिव एजेंडे को सिरे से खारिज कर दिया गया. पार्टी ने पीएम मोदी के उन कार्यक्रमों की भी जमकर तारीफ की, जिस वजह से देश की जनता के साथ सरकार का कनेक्शन और ज्यादा मजबूत होता गया. फिर चाहे वो पीएम मोदी की मन की बात रहा हो या फिर हर घर तिरंगा वाली पहल, इसने पार्टी की इमेज को भी सुधारा और जनता के बीच लोकप्रियता भी बढ़ी. काशी-तमिल संगम का जिक्र भी हुआ और बोला गया कि भविष्य में ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम और आयोजित किए जाएं.

गुजरात-हिमाचल पर फीडबैक

अब इन मुद्दों का तो जिक्र रहा ही, गुजरात चुनाव में बीजेपी ने जो अप्रत्याशित और रिकॉर्ड जीत दर्ज की, उसे भी डीकोड किया गया. पार्टी ने सार निकाला कि उस जीत में सबसे बड़ा योगदान प्रो इनकमबैंसी का रहा. पार्टी के पक्ष में एक लहर चली और उसी वजह से 150 पार सीटों का आंकड़ा गया. हिमाचल चुनाव में हुई हार को लेकर भी पार्टी ने अपने विचार रखे. रिवाज ना बदलने का दुख जाहिर किया गया, लेकिन जीत-हार का अंतर इतना कम रहा, इसकी तसल्ली भी रही. इन चुनावी चर्चाओं के बीच पिछले आठ साल में पीएम मोदी के नेतृत्व में विदेशी धरती पर भारत की जो धमक दिखी है, उसका जिक्र भी जोर शोर से किया गया. माना गया कि भारत की ग्लोबल छवि जो अब बदल चुकी है, उसने पार्टी को भी फायदा पहुंचाने का काम किया है.

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9 राज्यों के बाद 2024, फिर पीएम ऐसे बनेंगे नरेंद्र मोदी!

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