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बीजेपी का मिशन 2022: चुनाव प्रबंधन को सोशल मीडिया से जोड़ने की है रणनीति

पन्ना प्रमुख जैसी व्यवस्था बीजेपी संगठन के लिए नई बात नहीं है लेकिन एक बात नई है. वह है जमीनी स्तर के चुनाव प्रबंधन यानी बूथ मैनेजमेंट को इस बार सोशल मीडिया से जोड़ दिया जाना.

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बीजेपी के लिए नई नहीं है पन्ना प्रमुख व्यवस्था (फाइल फोटो)
बीजेपी के लिए नई नहीं है पन्ना प्रमुख व्यवस्था (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सोशल मीडिया पर पोस्ट करनी होगी तस्वीर
  • बीजेपी के लगभग सभी बड़े चेहरे हैं पन्ना प्रमुख

साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. चुनावी तैयारी की रेस में अभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सबसे आगे दिख रही है. बीजेपी ने पन्ना प्रमुख के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की रणनीति बनाई है. पार्टी के पन्ना प्रमुख भी अब सक्रिय होंगे. आज से यानी 8 अक्टूबर से सोशल मीडिया पर पार्टी एक अभियान चलाएगी.

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बीजेपी की ओर से सोशल मीडिया पर चलाए जाने वाले इस अभियान के तहत पन्ना प्रमुख सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर पोस्ट करेंगे. तस्वीर 'मैं भी पन्ना प्रमुख' लिखकर पोस्ट करना होगा. इस अभियान का उद्देश्य बूथ स्तर पर पार्टी को सक्रिय करना है.

मैं भी पन्ना प्रमुख अभियान

साल 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए माइक्रो मैनेजमेंट पर काम कर रही बीजेपी अब पन्ना प्रमुख का विशेष अभियान चलाएगी. पार्टी का अभियान शुक्रवार यानी 8 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. इसमें बीजेपी के पन्ना प्रमुख सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर पोस्ट करेंगे. साथ ही लिखेंगे 'मैं भी पन्ना प्रमुख'. पन्ना प्रमुख को ये स्लोगन भी लिखना होगा- 'सोच ईमानदार काम दमदार, फिर आएगी भाजपा सरकार'.

सभी पन्ना प्रमुखों को ये निर्देश जारी कर दिया गया है. खास बात ये है कि पार्टी के पन्ना प्रमुख सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और डॉक्टर दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, सभी मंत्री, सांसद, विधायक और पार्टी के सभी बड़े चेहरे भी हैं. इस अभियान से पार्टी बूथ स्तर पर सक्रियता बढ़ाकर जमीनी कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय करना चाहती है. ये अभियान 15 अक्टूबर तक चलेगा.

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कौन हैं पन्ना प्रमुख 

बीजेपी अपनी ताकत बूथ मैनेजमेंट को मानती रही है. ऐसे में बूथ के पन्ने (एक पेज पर नाम) का भी एक इंचार्ज नियुक्त किया जाता है. बीजेपी इस प्रयोग को पहले भी चुनाव में कर चुकी है. यह बात सुर्ख़ियों में तब आयी जब गृह मंत्री अमित शाह का नाम पन्ना प्रमुख के रूप में सामने आया. अमित शाह गांधीनगर के नारणपुरा के बूथ नम्बर 38 के पेज (पन्ना) नंबर 7 के प्रमुख बने थे.

दरअसल, जनवरी में लखनऊ दौरे पर आए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए ये भी बताया था कि पन्ना प्रमुखों की पार्टी में कितनी अहमियत है. इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह के भी पन्ना प्रमुख के तौर कर जिम्मेदारी सम्भालने की बात उन्होंने मंच से कही थी. उद्देश्य था बूथ अध्यक्षों को प्रोत्साहित करना. चुनाव करीब आते ही पार्टी ने पन्ना प्रमुखों को लेकर रणनीति को धार देना शुरू कर दिया. इसके लिए खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के साथ ही सभी सांसदों-विधायकों को पन्ना प्रमुख बनाया जा रहा है.

पन्ना प्रमुख में बीजेपी के मंडल स्तर से ऊपर के सभी कार्यकर्ता शामिल होंगे. मतदाता सूची में जिस पेज पर जिसका नाम है, वो उस पन्ने का प्रमुख होगा. अगर एक ही पेज पर कई कार्यकर्ताओं का नाम है तो वहां ‘पन्ना समिति’ काम करेगी और एक पन्ना प्रमुख होगा. पन्ना प्रमुख के जिम्मे उस पन्ने के वोटर को बूथ तक लाना सुनिश्चित करने, वोट डलवाने की जिम्मेदारी होती है. वो उस पन्ने का इंचार्ज माना जाता है.

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बीजेपी का माइक्रो मैनेजमेंट

पन्ना प्रमुख जैसी व्यवस्था बीजेपी संगठन के लिए नई बात नहीं है लेकिन एक बात नई है. वह है जमीनी स्तर के चुनाव प्रबंधन यानी बूथ मैनेजमेंट को इस बार सोशल मीडिया से जोड़ दिया जाना. इसके जरिए लगभग 35 लाख कार्यकर्ताओं (पन्ना प्रमुखों )को सक्रिय किया जाना है. इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव जमीनी कार्यकर्ताओं पर भी पड़े, इसके लिए भी ये रणनीति बनाई गई है.

पार्टी के महामंत्री जेपीएस राठौड़ कहते हैं कि बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है. ऐसे में कोशिश ये रहती है कि सिर्फ पौधे की पत्तियों में ऊपर से ही पानी न डाला जाए उसको जड़ से सींचा जाए. हमारे कार्यकर्ता हमारी ताकत हैं और निश्चित रूप से अगर बड़े पदाधिकारी, नेता भी पन्ना प्रमुख के रूप में ऐसा करते हैं तो ये संदेश जाता है. बीजेपी बूथ स्तर पर ज्यादा से ज्यादा अभियान चला रही है. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद शक्ति केंद्रों को सम्बोधित कर चुनावी एजेंडा लगभग सेट कर चुके हैं.

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