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रमेश बिधूड़ी ने सोनिया गांधी के खिलाफ दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस, ये है वजह

पेगासस जासूसी मामला, तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न विषयों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण मंगलवार को लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद 11 बजकर 50 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी. बाद में लोकसभा की कार्यवाही 3.30 बजे तक स्थगित कर दी गई.

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सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस (फाइल फोटो)
सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया
  • सोनिया गांधी और सुदीप बंदोपाध्याय के खिलाफ नोटिस

बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने सोनिया गांधी और सुदीप बंदोपाध्याय के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. रमेश बिधूड़ी ने कहा, 'कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी एक षडयंत्र के तहत सदन को नहीं चलने दे रही हैं. मैं सदन में लोगों की बात रखना चाहता हूं. 377 के तहत मेरा नंबर आया था. ज़ीरो आवर में मैं लोगों को टेलीफोन मुहैया कराने का मुद्दा उठाना चाहता था. क्योंकि आजकल ऑनलाइन क्लासेस लग रही है. बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं. इस मुद्दे को मैं सदन में उठाना चाहता था. लेकिन ये लोग सदन नहीं चलने दे रहे हैं. सोनिया गांधी और सुदीप बंधोपाध्याय के खिलाफ मैंने लोकसभा अध्यक्ष और प्रिविलेज कमिटी को नोटिस दिया है.'

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पेगासस जासूसी मामला, तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न विषयों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण मंगलवार को लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद 11 बजकर 50 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी. बाद में लोकसभा की कार्यवाही 3.30 बजे तक स्थगित कर दी गई.

विपक्ष के हंगामे के बीच ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों पर किसानों के प्रति संवेदना नहीं रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस हंगामे से जनता का नुकसान हो रहा है.

सदन की बैठक शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ और जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति डॉ केनेथ डेविड कौंडा के निधन की जानकारी दी और उनके सम्मान में सदन ने कुछ पल का मौन रखा. मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति जगन्नाथ का निधन गत तीन जून को 91 वर्ष की आयु में हो गया था, वहीं जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति कौंडा का निधन 17 जून को 97 वर्ष की आयु में हो गया था.

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और पढ़ें- बीजेपी संसदीय दल की बैठक में बोले पीएम मोदी- 'कांग्रेस न सदन चलने देती है, ना चर्चा होने देती है'

प्रश्नकाल में विपक्ष का हंगामा

इसके बाद अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, लेकिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्य केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों समेत अन्य विषयों पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए. बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि यदि सदस्य चर्चा करना चाहते हैं, अपनी बात रखना चाहते हैं या अपनी वेदना व्यक्त करना चाहते हैं तो उन्हें पर्याप्त समय और अवसर दिया जाएगा.

अध्यक्ष ने कहा, 'आप अपने स्थानों पर जाएं और कार्यवाही चलने दें. मैं सरकार से बात करुंगा. अगर किसी की व्यक्तिगत पीड़ा है तो व्यक्तिगत रूप से मिल सकता है. सदस्य सामूहिक रूप से मुझसे मिल सकते हैं. संसद चलनी चाहिए. जनता भी यही चाहती है. हमें उनकी परेशानियों को दूर करना चाहिए.'

बिरला ने कहा, 'देश की जनता ने आपको नारेबाजी करने के लिए और तख्तियां लहराने के लिए नहीं भेजा.' इसके बाद अध्यक्ष ने विपक्ष की नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया और कुछ सदस्यों को पूरक प्रश्न पूछने का अवसर दिया. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने पूरक प्रश्नों के उत्तर दिये.

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अधिक बारिश से फसलों को नुकसान होने संबंधी प्रश्नों का उत्तर देते हुए कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि आज की कार्यसूची में कृषि और किसानों से संबंधित 15 से अधिक प्रश्न हैं.

उन्होंने नारेबाजी कर रहे विपक्ष के सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यदि वे किसानों के प्रति थोड़ी भी पीड़ा रखते हैं तो उन्हें शांति से अपने स्थान पर बैठकर प्रश्नों के माध्यम से अपनी बात रखनी चाहिए और सरकार की बात सुननी चाहिए.

उन्होंने कहा, 'इस तरह के हंगामे से सदन की गरिमा प्रभावित हो रही है, जनता का भी नुकसान हो रहा है तथा किसानों के प्रति विपक्ष का चरित्र भी दिखाई दे रहा है.'

अध्यक्ष बिरला ने विपक्षी सदस्यों से एक बार फिर कहा, 'नारेबाजी में प्रतिस्पर्धा नहीं करें. जनता के लिए काम करने में स्पर्धा होनी चाहिए. आप नारेबाजी में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, यह जनता देख रही है.' विपक्षी सदस्यों का हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 25 मिनट बाद पूर्वाह्न 11:45 बजे तक स्थगित कर दी.

बैठक पुन: शुरू होने पर पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने शोर शराब कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि किसानों एवं दूसरे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्न पूछे जा रहे हैं और कृपया आप लोग भी इसमें हिस्सा लें. हंगमा थमता नहीं देख पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 50 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी थी.

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