scorecardresearch
 

2024 की पटकथा, 9 राज्यों के चुनाव पर फोकस... राष्ट्रीय कार्यकारिणी में PM मोदी आज देंगे जीत का मंत्र!

भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी रणनीति बनानी शुरू कर दी है ताकि फाइनल मुकाबले के लिए पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरे. दिल्ली में बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इस साल होने वाले 9 राज्यों के चुनाव को लेकर मंथन किया गया तो मंगलवार को पीएम मोदी जीत का मंत्र देंगे.

Advertisement
X
बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जेपी नड्डा और पीएम नरेंद्र मोदी
बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जेपी नड्डा और पीएम नरेंद्र मोदी

लोकसभा चुनाव में भले ही अभी सवा साल का वक्त बाकी हो, लेकिन बीजेपी 2024 के चुनावी मोड में दिख रही है. देश की राजधानी दिल्ली में बीजेपी की चल रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आखिरी दिन मंगलवार को लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर मंथन होगा. बीजेपी की नजर 2024 के लोकसभा के साथ-साथ इस साल होने वाले 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव पर है. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी चुनावी राज्यों के बीजेपी कार्यकर्ताओं को 'जीत का मंत्र' देंगे. 

Advertisement

बीजेपी ने साधा सोशल इंजीनियरिंग
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के पहले दिन नौ सूत्रीय प्रस्ताव पारित कर विपक्ष पर हमला बोला. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कार्यकारिणी बैठक के पहले दिन राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया जबकि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और कर्नाटक सरकार में मंत्री गोविंद करजोल ने इसका अनुमोदन किया. रिजिजू आदिवासी समुदाय से, मौर्य पिछड़ा वर्ग और करजोल अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं. इस तरह से बीजेपी ने रिजिजू-केशव-गोविंद के जरिए प्रस्ताव पेश कर दलित-आदिवासी-पिछड़ों को सियासी संदेश देने की कवायद की है. 

पीएम मोदी-येदियुरप्पा के बीच मीटिंग
पीएम नरेंद्र मोदी बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पहले दिन मिशन-साउथ पर अपना फोकस रखा. कर्नाटक के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा से पीएम मोदी ने अलग से बैठक किया, जिसके बाद सियासी कयासों का दौर शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि इस बैठक में कर्नाटक विधानसभा चुनावों को लेकर बात हुई है, क्योंकि अप्रैल में ही चुनाव है. दक्षिण में सिर्फ कर्नाटक में ही बीजेपी सत्ता में है, जिसे बचाए रखना एक बड़ी चुनौती है. येदियुरप्पा बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं, जिनको बीजेपी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री पद से हटाकर बसवराज बोम्मई को सत्ता की कमान सौंप रखी है, लेकिन पार्टी के अंदर सियासी घमासान खत्म नहीं हो रहा. 

Advertisement

बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कर्नाटक बीजेपी को 'मिशन 136' लक्ष्य सौंपा हैं. राज्य की 224 सीटों में से 136 सीटों से ज्यादा जीतकर बीजेपी अपना दम दिखाना चाहती है, लेकिन बोम्मई सरकार कई चुनौतियों से जूझ रही है. बीजेपी के दक्षिण में स्थापित करने वाले येदियुरप्पा का लिंगायत समुदाय पर मजबूत पकड़ मानी जाती है. ऐसे में उन्हें नजर अंदाज कर कर्नाटक में बीजेपी के लिए आसान नहीं है. ऐसे में येदियुरप्पा और पीएम मोदी की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. येदियुरप्पा के भविष्य को लेकर भी अटकलें शुरू हो गई हैं. 

पीएम मोदी ने तेलंगाना पर भी खास फोकस करने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कहा है, क्योंकि बीजेपी को दक्षिण भारत में कर्नाटक के बाद तेलंगाना ही ऐसा राज्य है, जहां से उसे अपनी जीत की उम्मीद दिख रही है. तेलंगाना के सीएम केसीआर भी इसीलिए बेचैन है और विपक्षी गठबंधन बनाने पर जोर दे रहे हैं. ऐसे में बीजेपी तेलंगाना विधानसभा का चुनाव भी 2023 में होना है, जिसे लेकर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की नजर है. 

9 राज्यों के चुनाव पर नड्डा का फोकस
साल 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव है, जिसे 2024 का सेमीफाइल माना जा रहा है. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 2023 में नौ राज्यों में चुनाव होने हैं. चुनाव के लिए कमर कस लें, हमें सभी राज्यों में जीत दर्ज करनी है. जेपी नड्डा ने 2023 को बहुत जरूरी बताया और सभी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों का आह्वान किया कि हमें एक भी चुनाव नहीं हारना है. जहां पार्टी की सरकार है उसे मजबूत किया जाए और जहां सरकार नहीं है उसे और मजबूत किया जाए. साथ ही नड्डा ने कहा कि 72,000 बूथों की पहचान की गई है और पार्टी के कार्यकर्ता 1.32 लाख बूथों पर पहुंच गए हैं.

Advertisement

कर्नाटक, मध्य प्रदेश और त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार है जबकि नागालैंड, मेघालय और मिजोरम की सत्ता पर क्षेत्रीय दल काबिज है, लेकिन बीजेपी सहयोगी दल के तौर पर है. वहीं, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है तो तेलंगाना में केसीआर की पार्टी बीआरएस काबिज है. ऐसे में इन राज्यों के चुनाव देश की सियासत के लिहाज से बेहद अहम हैं, क्योंकि इसके बाद ठीक लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में ज्यादातर राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई होनी है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव होने हैं. 

मिशन-2024 की लिखी गई पटकथा

साल 2023 में जिन 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव है, वहां पर लोकसभा की 83 सीटें आती हैं, जो कुल 543 संसदीय सीटों की 17 फीसदी सीटें होती हैं. ऐसे में 2023 के चुनावी नतीजों का डायरेक्ट या इनडायरेक्ट असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा. इसीलिए साल 2023 को देश की सियासत के लिए काफी अहम माना जा रहा है. इसीलिए जेपी नेड्डा ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतने का लक्ष्य दिया है और कहा कि एक भी राज्य में हमें नहीं हारना है. 

बैठक में 2024 लोक सभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर पार्टी के लिए कमजोर माने जाने वाली लोक सभा की 160 सीटों पर प्रवास और विस्तारक योजना पर चर्चा होगी. इन सीटों पर पार्टी के संगठन को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करने के उपायों के साथ ही अब तक किए गए कामकाज की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी. यह 160 सीटें वो हैं, जहां 2019 के चुनाव में बीजेपी नहीं जीत सकी थी. इन सीटों के लिए बीजेपी काफी समय से तैयारी में जुटी है. इसके अलावा 2023 में जिन राज्यों में चुनाव है, वहां पर 83 सीटें आती हैं. कांग्रेस की नजर उन सीटों पर है, जहां बीजेपी से उसका सीधा मुकाबला होता है. देश में करीब 185 सीटें है, जहां कांग्रेस-बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई है. इनमें से महज 10 सीटें ही कांग्रेस के पास है जबकि 175 सीटें बीजेपी के पास है. इस लिहाज से समझ सकते हैं कि 2024 की लड़ाई किस तरह से रोचक होने वाली है. 

Advertisement


 

Advertisement
Advertisement