scorecardresearch
 

लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने शुरू किया चंदा अभियान, जानिए PM मोदी ने कितने रुपए का दिया डोनेशन

चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चला है कि भाजपा वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 719 करोड़ रुपये की फंडिंग इकट्ठा करने में कामयाब रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है. उसे 2021-2022 में 614 करोड़ रुपये का चंदा मिला था.

Advertisement
X
पीएम मोदी ने भाजपा के चंदा अभियान में 2000 रुपए का सहयोग किया. (Photo: X/@BJP4India)
पीएम मोदी ने भाजपा के चंदा अभियान में 2000 रुपए का सहयोग किया. (Photo: X/@BJP4India)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 'पार्टी फंड' के रूप में 2,000 रुपये का चंदा दिया और सभी से योगदान करने का आग्रह किया. एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) का सहारा लेते हुए, पीएम मोदी ने नागरिकों से नमो ऐप के माध्यम से बीजेपी के 'डोनेशन फॉर नेशन बिल्डिंग' कैम्पेन का हिस्सा बनने का आग्रह किया. पीएम मोदी ने जो रसीद शेयर की है उसके अनुसार, राजनीतिक पार्टी को दिया जाना वाला डोनेशन इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत कंपनियों के लिए धारा 80जीजीबी और अन्य के लिए धारा 80 जीजीसी के तहत आयकर से मुक्त है.

Advertisement

पीएम मोदी ने पार्टी को दिए गए अपने चंदे की रसीद शेयर करते हुए X पर एक पोस्ट किया, 'मुझे खुशी है कि मैंने भाजपा को डोनेशन देकर विकसित भारत के निर्माण के हमारे प्रयासों को मजबूत करने में योगदान दिया. मैं सभी से NaMoApp के माध्यम से #DonationForNationBuilding कैम्पेन का हिस्सा बनने का भी आग्रह करता हूं'. भाजपा के क्राउड फंडिंग कैम्पेन की शुरुआत 1 मार्च को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की थी. उन्होंने पार्टी फंड में 1000 रुपये का योगदान दिया था.

जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'मैंने इंडिया को विकसित भारत बनाने के लिए पीएम मोदी के विजन को अपना व्यक्तिगत समर्थन देने के लिए भाजपा को चंदा दिया है. आइए हम सभी आगे आएं और नमो ऐप का उपयोग कर DonationForNationBuilding जन आंदोलन में शामिल हों'. चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चला है कि भाजपा वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 719 करोड़ रुपये की फंडिंग इकट्ठा करने में कामयाब रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है. उसे 2021-2022 में 614 करोड़ रुपये का चंदा मिला था.

पिछले महीने, देश की शीर्ष अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बांड स्कीम को रद्द कर दिया था. भारत में राजनीतिक दलों की फंडिंग का यह प्रमुख स्रोत बन गया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अब 'असंवैधानिक' करार दी गई इस योजना ने 2018 में अपनी शुरुआत के बाद से पिछले वित्त वर्ष तक राजनीतिक दलों के खजाने में 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया. चुनाव आयोग और एडीआर के आंकड़ों के अनुसार, इलेक्टोरल बांड के जरिए चंदा प्राप्त करने वाले दलों में भाजपा सबसे आगे रही. इलेक्टोरल बांड से देश के सभी राजनीतिक दलों को जितना चंदा प्राप्त हुआ, उसमें अकेले बीजेपी के हिस्से 55% या लगभग 6,565 करोड़ रुपये शामिल था.

Live TV

Advertisement
Advertisement