दिल्ली आबकारी केस में सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को भी मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं मिली. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका देते हुए माना कि जांच एजेंसियों ने 338 करोड़ रुपये के लेन देन को अस्थायी रूप से साबित किया है. इसके बाद बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए.
बीजेपी के आरोपों के बाद AAP की तरफ से आतिशी ने मोर्चा संभाला और बीजेपी के आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की बेल का केस सुना जा रहा था तो कोर्ट ने ED से कई तीखे सवाल पूछे थे कि मनी ट्रेल कहां है. अगर ED पैसा पहुंचने का ट्रेल नहीं दिखा सकती तो PMLA का केस कैसे हुआ? कोर्ट ने यह भी कहा कि एक अप्रूवर दिनेश अरोड़ा के बयान पर कितना विश्वास किया जा सकता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि पॉलिसी मेकिंग कोर्ट में प्रिव्यू में नहीं आती.
उन्होंने आगे कहा कि इन तीखे आब्जर्वेशन के बावजूद कोर्ट ने जमानत नहीं दी. आज के ऑर्डर की स्टडी की जाएगी. आतिशी ने कहा कि आज तक एक रुपए के भ्रष्टाचार में भी AAP का कोई नेता शामिल नहीं रहा है. आम आदमी पार्टी ईमानदार थी और रहेगी. एक भी पैसे के भ्रष्टाचार का सबूत नहीं आएगा.
भाजपा के आरोपों पर यह बोलीं आतिशी
आतिशी ने आगे कहा कि भाजपा यह चाहती है कि कोई उनका विरोध न करे कोई सवाल न उठाए. उनके भ्रष्टाचार को उजागर न करे, वे पिछले दरवाजों से चुनाव जीतें क्योंकि वे ED-CBI के जरिए विपक्ष को रोक रहे हैं. AAP-TMC कांग्रेस DMK सबके खिलाफ सरकारी तंत्र का प्रयोग हो रहा है. मीनाक्षी लेखी ने तो विपक्षी सांसद के संसद में सवाल उठाने पर ED के नाम से धमकी दी थी.
क्यों खारिज होती रही है जमानत?
मामले में नंबर एक आरोपी बनाए गए सिसोदिया को फरवरी में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. सिसोदिया पर इस मामले में सबूत नष्ट करने और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर कुछ शराब कारोबारियों के लिए मौद्रिक लाभ के बदले में एक नीति लागू करने की साजिश रचने के आरोप हैं. इसके बाद ईडी ने मार्च में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट से पहले ट्रायल कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.