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I.N.D.I.A ब्लॉक की बैठक पर BSP की भी नजर! क्या मायावती के लिए UP में सीटों की कुर्बानी देंगे अखिलेश?

कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने बसपा को साथ लाने की जरूरत पर जोर दिया, जबकि बताया जा रहा है कि प्रमोद तिवारी का गुट यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ ही हर हाल में बना रहना चाहता है. ऐसे में कांग्रेस बसपा को लेकर उत्तर प्रदेश में संभावनाएं टटोल सकती है.

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बसपा भले ही इंडिया ब्लॉक का हिस्सा नहीं है लेकिन उसकी नजर दिल्ली में होने वाली बैठक पर टिकी है.
बसपा भले ही इंडिया ब्लॉक का हिस्सा नहीं है लेकिन उसकी नजर दिल्ली में होने वाली बैठक पर टिकी है.

दिल्ली में आज शाम अशोका होटल में विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ब्लॉक की चौथी बैठक होनी है. इस गठबंधन की पहली तीन बैठकें क्रमश: पटना, बेंगलुरु और मुंबई में हुई थीं. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, जदयू नेता नीतीश कुमार, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी दिल्ली, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इस बैठक में शामिल होंगे. बहुजन समाज पार्टी फिलहाल 28 दलों के इस गठबंधन का हिस्सा नहीं है, लेकिन उसका शीर्ष नेतृत्व आज की बैठक पर पैनी नजर बनाए हुए है.

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बसपा नेतृत्व देख रहा है कि क्या पार्टी को लेकर इंडिया ब्लॉक की इस मीटिंग में कोई चर्चा होती है या नहीं. आज की बैठक में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर चर्चा प्रमुखता से होगी, ऐसा माना जा रहा है. इंडिया ब्लॉक जनवरी या फरवरी तक साझा उम्मीदवारों के नाम घोषित कर सकता है. गठबंधन में शामिल दल पहले ही साफ कर चुके हैं कि सीट शेयरिंग सुनिश्चित करने के लिए राज्यों में सब कमिटियां बनाई जाएंगी. लेकिन सोमवार शाम दिल्ली में यूपी कांग्रेस टीम की राहुल और प्रियंका के साथ हुई बैठक में बसपा को गठबंधन में लाने का मुद्दा उठा.

बसपा को I.N.D.I.A का हिस्सा बनाने के पक्ष में यूपी कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने बसपा को साथ लाने की जरूरत पर जोर दिया, जबकि बताया जा रहा है कि प्रमोद तिवारी का गुट यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ ही हर हाल में बना रहना चाहता है. ऐसे में कांग्रेस बसपा को लेकर उत्तर प्रदेश में संभावनाएं टटोल सकती है. एक चर्चा यह भी है कि कांग्रेस आज होने वाली इंडिया ब्लॉक की बैठक में बसपा को गठबंधन में साथ लाने के प्रस्ताव को अन्य दलों के समक्ष रख सकती है. हालांकि न तो कांग्रेस और न ही बीएसपी की तरफ से इस मुद्दे पर आपस में किसी बातचीत के खुले संकेत मिले हैं.

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लेकिन बसपा ने जिस तरीके से हाल ही में पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद से इंडिया गठबंधन को लेकर अपने स्टैंड में थोड़ी नरमी लाई है, उसके बाद से यह चर्चा है कि अगर मायावती को सम्मानजनक तरीके से पाले में लाने की कोशिश की जाए तो उन्हें इस गठबंधन का हिस्सा बनाया जा सकता है. इधर अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में हर हाल में इंडिया गठबंधन में अपनी बादशाहत बरकरार रखना चाहेंगे. 

क्या बसपा के लिए यूपी में सीटों की कुर्बानी देंगे अखिलेश?

सपा के प्रवक्ता पहले ही 65:15 का फार्मूला दे चुके हैं. यानी लोकसभा की 80 में से 65 सीटों पर सपा लड़ेगी, बाकी 15 में कांग्रेस और रालोद शामिल होंगे. ऐसे में बसपा को साथ लाने के लिए सपा को बड़ी कुर्बानी देनी होगी. अब सबकुछ इंडिया गठबंधन के बड़े नेताओं की कोशिशों पर निर्भर करता है कि क्या उनकी ओर से मायावती को भी साथ लाने की कोई गंभीर कोशिश होती है या नहीं.

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