CDS जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. बेटियों ने पूरे रीति-रिवाज से अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार किया. जिंदगीभर अपनी पत्नी का साथ निभाने वाले CDS बिपिन रावत ने आखिरी पलों में भी मधुलिका रावत का साथ नहीं छोड़ा. लिहाजा तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश के वक्त भी दोनों साथ ही थे. दोनों के पार्थिव शरीर एक ही विमान से दिल्ली के पालम एयरबेस पर लाए गए. वहीं, बरार स्क्वायर (श्मशान घाट) में भी दोनों के पार्थिव शरीरों को एक ही चिता में मुखाग्नि दी गई.
दोनों बेटियों ने नम आंखों से पूरे रीति-रिवाज से अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार किया. सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी को एक ही चिता पर मुखाग्नि दी गई. दरअसल, उनकी दोनों बेटियों के कहने पर ऐसा किया गया. CDS रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई. इस दौरान तीनों सेनाओं के अध्यक्षों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही तीनों सेनाओं के अधिकारियों ने उन्हें कंधा दिया.
'जब तक सूरज चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा'
शुक्रवार को जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर उनके आवास से बरार स्क्वायर लाया गया था. इस दौरान रास्ते में लोगों ने 'जब तक सूरज चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा' के नारे लगाए. देश के पहले CDS को श्रद्धांजलि देने के लिए सीजेआई एनवी रमन्ना, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत तमाम नेता बरार स्क्वायर पहुंचे.
देश के पहले CDS को केरल से लेकर कश्मीर तक में श्रद्धांजलि दी गई. नम आंखों से लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी. जब CDS के पार्थिव शरीर को कुन्नूर से पालम एयरपोर्ट पर लाया जा रहा था तो लोगों ने रास्ते में फूल बरसाए. साथ ही दिल्ली में भी उनकी अंतिम यात्रा के दौरान फूल बरसाए. देश ने भारी मन से वीर सपूत CDS बिपिन रावत को विदा किया.