मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के गुरुवार को दो वर्ष पूरे हो गए. इस मौके पर पूरी बघेल कैबिनेट बस से भगवान राम के ननिहाल चंदखुरी पहुंची. यहां माता कौशल्या का प्राचीन मंदिर है, जहां सभी ने दर्शन किया. चंदखुरी पहुंचने से पहले बस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने सभी मंत्रियों के साथ सियावर रामचंद्र की जय बोलते हुए नजर आए.
भूपेश बघेल ने इससे जुड़ा एक वीडियो भी ट्वीट किया है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस की इस राम भक्ति पर भले अब तक सियासत ना छिड़ी हो, लेकिन कांग्रेस का राममय होना बीजेपी को जरूर खटक सकता है.
कैबिनेट के साथियों के साथ माता कौशल्या के दर्शन करने हेतु चंदखुरी रवाना। #CGSwabhimaanKe2Saal pic.twitter.com/y4pLHw5rhu
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 17, 2020
वहीं, अपने संबोधन में भी सीएम बघेल ने भगवान राम के जीवन से जुड़ी बातें कहीं और इशारों-इशारों में बीजेपी को घेरा. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि माता कौशल्या ने ही राम के चरित्र को गढ़ा था, जो चरित्र माता कौशल्या का था, वही छत्तीसगढ़िया लोगों का है. उन्होंने ही राम को दुख-सुख में सम भाव से रहना सिखाया.
सीएम ने कहा कि वनवास में भगवान राम कहीं भी जा सकते थे, लेकिन वे छत्तीसगढ़ आए, क्योंकि बच्चा मां-बाप से नाराज होकर अपने ननिहाल ही जाता है. बीजेपी पर निशाना साधते हुए बघेल ने कहा कि सतयुग में कालनेमी ने भी सोने के हिरन के लिए भगवान राम का नाम लिया था, अब जिनको वोट लेना है, वो भी प्रभु श्रीराम का नाम लेते हैं. लेकिन हमारे लिए तो राम जन-जन में व्याप्त हैं.
सीएम ने आगे कहा कि राम वन गमन पथ को पर्यटन के लिए विकसित करने के लिए भी प्रदेश सरकार लगातार घोषणाएं कर रही है. हमारा प्रयास छत्तीसगढ़ को विश्व पटल पर लाने का है.
रथयात्रा और बाइक रैली का समापन
सीएम बघेल ने कहा कि दिल्ली को किसान घेर के बैठे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के किसान खुश हैं. अगर मोदी सरकार छत्तीसगढ़ की किसान योजना को अपना ले तो आंदोलन कल वापस हो जाए.
इस मौके पर प्रदेश के उत्तर में कोरिया और दक्षिण में सुकमा से 14 दिसंबर को एक साथ शुरू हुई रथयात्रा और बाइक रैली का भी चंदखुरी में समापन हुआ. रैली में शामिल लोग राम वन गमन से जुड़े विभिन्न स्थानों से मिट्टी लेकर चंदखुरी पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ उसी मिट्टी में पौधापोरण भी किया.