उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बिहार की एक अदालत में परिवाद दर्ज कराया गया है. ये बयान सीएम योगी के उस बयान के खिलाफ दर्ज कराया गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अब्बाजान कहने वाले सभी गरीबों का राशन हड़प लेते थे, तब यहां का राशन कहीं और पहुंच जाता था. सीएम योगी ने रविवार को ये भाषण यूपी के कुशीनगर में दिया था.
सीएम के इस बयान बिहार के मुजफ्फरपुर के सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है और मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया है. परिवादी तमन्ना हाशमी ने आईपीसी की धारा 295 ,295क ,296 ,511 के तहत परिवाद दर्ज कराया है.
परिवादी ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना करते हुए सीएम योगी ने एक समुदाय विशेष को टारगेट करते हुए कहा था कि यूपी में पूर्व की सरकार में अब्बाजान कहने वाले लोग गरीबों का राशन हजम कर लेते थे, लेकिन अब उनके राज में यह बंद हो गया है.
CM का यह बयान देश को तोड़ने वाला
तमन्ना हाशमी ने कहा कि सूबे के एक बड़े संवैधानिक पद पर बैठे सीएम का यह बयान देश को तोड़ने वाला है. इससे एक धर्म विशेष के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. इसे लेकर उन्होंने कोर्ट में सीएम के खिलाफ आईपीसी की धारा 295, 295 (क) 296 और 511 के तहत परिवाद दर्ज कराया है. इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि कोर्ट ने 21 सितम्बर को निर्धारित की है.
परिवादी ने कहा कि ये बयान मुसलमानों को बदनाम करने के लिए दिया गया है, इससे वे अपमानित महसूस कर रहे हैं, परिवादी के अनुसार वो खुद भी इसी समुदाय से है और इस बयान से मर्माहत है.