विशाखापत्तनम स्थित राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को लेकर विपक्ष के प्रदर्शन को लेकर झेल रहे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. उन्होंने पीएम मोदी से राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के विनिवेश पर पुनर्विचार करने को कहा है.
उन्होंने 1971 में स्थापित हुए विजाग स्टील को तेलुगु लोगों के इच्छाशक्ति का परिचायक बताया है. उन्होंने कहा कि ये तेलुगु लोगों की उप्लब्धियों की निशानी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस्पात मंत्रालय के साथ मिलकर इस आंध्र प्रदेश के 'आभूषण' को बचाने का काम करना चाहती है. उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर तीन तत्काल कदम उठाने का सुझाव दिया है. इनमें वित्तीय पुनर्गठन,टर्नअराउंड हासिल करने के लिए लगातार संचालन और प्लान के लिए आयरन ओर आवंटित करने की मांग शामिल है.
इस मसले को लेकर हाल ही में नार्थ विजाग से टीडीपी विधायक और पूर्व मंत्री गंता श्रिनिवास राव ने विधानसभा में इस्तीफा दे दिया था. ऐसा उन्होंने तब किया था जब पार्टी प्रमुख चंद्र बाबू नायडू ने वाईएसआरसीपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि विजाग स्टील से सीधे तौर पर 18 हजार स्थायी कर्मचारियों और 22 हजार अनुबंधित कर्मचारियों को रोजगार मिलता है. उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष रूप से भी लाखों लोगों को इसके जरिए रोजगार मिलता है और सरकार इसका निजीकरण करना चाहती है. सीएम वाईएस जगन क्या कर रहे हैं?
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में लेफ्ट पार्टियों और ट्रेड यूनियन ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. लेफ्ट पार्टी के साथ हजारों कर्मचारियों ने बीते शुक्रवार को मोदी सरकार के खिलाफ रैली निकाली थी. टीडीपी के महासचिव नारा लोकेश ने मुख्यमंत्री जगन पर आरोप लगाते हुए पत्र लिखा था कि राज्य सरकार केंद्र पर दवाब बनाने में नाकाम रही है.