कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भारत-चीन सीमा विवाद समेत कई मोर्चों पर मोदी सरकार को घेरा है. एंटनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि सीमा से जवानों को पीछे हटाना सरेंडर जैसा है. मोदी सरकार ने देश की सेना का मनोबल गिराया है.
उन्होंने कहा कि यह पहली बार हो रहा है, जब देश को दो तरफा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. एकतरफ तो पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवादियों को भेज रहा है. दूसरी तरफ चीन विस्तारवाद कर रहा है और अरुणाचल प्रदेश से लेकर लद्दाख तक सैन्य निर्माण कर रहा है. चीन सीमा पर सैनिकों की तैनाती कर रहा है. उन्होंने कहा कि रक्षा बजट में भी कटौती की गई है. पिछले साल की तुलना में इस साल का रक्षा बजट भी कम है. इस साल 4 लाख 70 हजार का ही बजट है. यह सेना के साथ धोखा है. मोदी सरकार ने देश की सेना का मनोबल गिराया है.
एंटनी ने कहा कि हमारी सेना एलएसी पर फिंगर-8 तक पेट्रोलिंग किया करती थी और चीन की सेना फिंगर चार तक पेट्रोलिंग करती थी. फिंगर4-8 का इलाका विवादित था. विघटन के बाद हमने कैलाश रेंज खाली कर दिया है. चीन की सेना फिंगर-8 तक के इलाके तक आ सकती है. भारत के पास फिंगर-4 पर भी पोस्ट है लेकिन भारतीय सेना फिंगर-3 तक ही पेट्रोलिंग कर पाएगी. यह पूरी तरह से सरेंडर ही है. हमने अपनी पारंपरिक जमीन खो दी है. हमने अपने हित खो दिए हैं. डिसइंगेजमेंट और बफर जोन का फैसला चीन के सामने हथियार डालने जैसा है. एंटनी ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि, गलवान घाटी,पैंगोंग त्सो और हॉट स्प्रिंग में यथास्थिति बहाल करने के लिए मोदी सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय क्षेत्र में बफर जोन क्यों बनाया जा रहा है. गलवान घाटी में हम फिंगर 14 तक जाया करते थे और पैंगोंग त्सो में यह अब सिमटकर फिंगर तीन तक रह गया है. भारतीय इतिहास में किसी भी सरकार के कार्यकाल में ऐसा नहीं हुआ है. अप्रैल 2020 के पहले की तरह यथास्थिति कब बहाल होगी. हमने चीन की शर्तों पर विघटन किया है. मैं पूछना चाहता हूं कि किन शर्तों पर विघटन और बफर जोन बनाने का फैसला लिया गया.