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हाई जोश, एक प्रतिज्ञा और लगातार चलने का जज्बा... ये हैं भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के सहयात्री

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी समेत करीब 120 लोग अगले 150 दिन में कन्याकुमारी से कश्मीर तक 'भारत जोड़ो यात्रा' में सफर तय करेंगे. इन यात्रियों को ना सिर्फ पार्टी के प्रति उनकी अडिग निष्ठा के आधार पर चुना गया है, बल्कि कठिन यात्रा पर जाने के लिए उनकी शारीरिक सहनशक्ति का आधार भी परखा गया है.

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कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल लोगों को उत्साहित देखा जा रहा है.
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल लोगों को उत्साहित देखा जा रहा है.

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को इस सदी में सबसे लंबी पदयात्रा के रूप में माना जा रहा है. विभिन्न इलाके और मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच 3500 किलोमीटर की दूरी तय करना आसान नहीं होगा. राहुल गांधी समेत करीब 120 लोग अगले 150 दिन में कन्याकुमारी से कश्मीर तक 'भारत जोड़ो यात्रा' में सफर तय करेंगे. इन यात्रियों को ना सिर्फ पार्टी के प्रति उनकी अडिग निष्ठा के आधार पर चुना गया है, बल्कि कठिन यात्रा पर जाने के लिए उनकी शारीरिक सहनशक्ति का आधार भी परखा गया है. इस कठिन परीक्षा में राहुल गांधी के साथ पैदल चलने वाले लोग कैसा महसूस कर रहे हैं और इस चुनौती को किस तरह सामना कर रहे हैं? आईए जानते हैं...

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यात्रा से जुड़ने के लिए 4 किमी रोज प्रैक्टिस की

ओडिशा के 35 साल के सम्राट पदयात्रा को लेकर काफी उत्साहित देखे गए. दरअसल, राहुल को तेज चलने वाले लोगों में माना जाता है, इसलिए उनके साथ कदमताल मिलाना हर किसी के लिए पसीना निकाल देने वाला साबित होगा. इस बात को ध्यान में रखते हुए सम्राट ने अपने गृहनगर पट्टामुंडई में नहर की सड़क पर सुबह और शाम रोजाना 4 किलोमीटर पैदल चलकर प्रैक्टिस की.

भारत जोड़ो यात्रा

डेढ़ दिन में 34 किमी पैदल चले

अब राहुल के साथ पैदल चलने वाले सम्राट ने मुस्कुराते हुए कहा- 'मुझे लगता है कि मेरी मेहनत बेकार नहीं गई है. मैंने यात्रा की तैयारी जल्दी शुरू कर दी थी. हमने डेढ़ दिनों में 34 किलोमीटर पैदल चल चुके हैं. पैरों में दर्द है, लेकिन मोटिवेशन लेवल हाई है.' वह थकान से राहत पाने के लिए अपने साथ सूखे मेवे और ओआरएस ले जाते हैं.

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तेलंगाना की कार्तिका ने बेटे और पति के साथ ट्रेनिंग की
राहुल गांधी के साथ कदमताल करना आसान नहीं है. लेकिन तेलंगाना की काठी कार्तिका इस पल का इंतजार कर रही हैं. यात्रा के क्रम में उन्होंने अपने 14 वर्षीय पुत्र ध्रुव के साथ प्रैक्टिस की है. अक्सर उनके पति और ध्रुव घर में उनकी ट्रेनिंग में मदद करते थे. कार्तिका पेशे से सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वे अपने घर की सीढ़ियों से ऊपर-नीचे चलती थी. जबकि उनका बेटा उत्साहित करता था.

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पैरों में फफोले, मगर रुकूंगी नहीं...

दोपहर के ब्रेक के दौरान कार्तिका कई अन्य लोगों की तरह अपने पैरों पर फफोले की तरफ देखती हैं. कहती हैं- 'दर्द हो रहा है. मैंने ये बैंड एड्स लगा दिए हैं. यह ठीक होने के बाद मैं दो दिनों के बाद चल पाऊंगी. मैं यात्रा का हिस्सा बनने का इंतजार कर रही हूं. बहुत उत्साह है, इतने सारे लोग हमारा समर्थन कर रहे हैं. मैं राहुल गांधी पर भरोसा करती हूं. थोड़ा लंगड़ा कर चल पा रही हूं. राहुल गांधी आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं.

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अमेरिका में पायलट की नौकरी छोड़ी, अब राहुल के साथ पद यात्री

भारत जोड़ो यात्रा को एक कॉमन बॉन्ड की तरह माना जा रहा है. ये भारत यात्रियों का एक मकसद, एक गंतव्य और अपने नेता के प्रति समर्पण को दर्शा रहा है. कैप्टन सत्यम ठाकुर अमेरिका में पायलट थे. उन्होंने यात्रा से जुड़ने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और भारत वापस आकर कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्हें पालघर युवा अध्यक्ष बनाया गया था, अब वे इस यात्रा में हैं. वे महाराष्ट्र के अपने गांव वांगाओ में गांव में करीब पांच किलोमीटर तक रोजाना पैदल चलते थे.

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लंगड़ाकर चले, बाइक पर नहीं बैठे

सत्यम ठाकुर कहते हैं कि जब लोगों ने मुझे लंगड़ाते हुए देखा तो उन्होंने मुझे एक बाइक पर चलने की पेशकश की, लेकिन मैं यह कैसे कर सकता हूं? मैं खुद को आईने में नहीं देख पाऊंगा? मैं धीरे से चला और अंत में लगभग डेढ़ घंटे की देरी से इस चर्च तक पहुंचा, लेकिन इच्छा शक्ति मजबूत है. उन्होंने कहा कि वे ड्रेसिंग के लिए पास के अस्पताल गए, लेकिन डॉक्टर ने फीस लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अस्पताल आंदोलन का समर्थन कर रहा है.

एक प्रतिज्ञा और नंगे पैर!

ऐसे ही एक यात्री हरियाणा के दिनेश पंडित हैं. दिनेश जींद के रहने वाले हैं. उनका परिवार कांग्रेस का कट्टर समर्थक है. वे अपनी दादी को गौरवान्वित करना चाहते थे. इसलिए, उन्होंने कुछ अकल्पनीय करने का फैसला किया. गर्मी हो, बारिश हो या कड़ाके की ठंड. दिनेश पंडित यात्रा और रैलियों में नंगे पांव राहुल गांधी का पीछा करते हैं. वे पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच काफी हिट हैं और उनकी ऊर्जा देखते बन रही है. 

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राहुल नेक्स्ट पीएम के पोस्टर लिए दिनेश पंडित

दिनेश पूरे जोश के साथ अपने नेताओं की तस्वीर लिए पार्टी का झंडा लहराते हैं. उन्होंने राहुल गांधी के पीएम बनने तक नहीं रुकने की कसम खाई है. वहीं, यात्रा में बार-बार दोहराए जाने वाले नारों पर उनकी प्रतिज्ञा को बल मिल रहा है. रास्ते में राहुल के पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी के साथ बड़े अक्षरों में 'राहुल नेक्स्ट पीएम' लिखे पोस्टर देखे जा सकते हैं.

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राहुल के पीएम बनने तक नहीं रुकने वाला

दिनेश पंडित गांधी, नेहरू और उनके आदर्श राहुल गांधी की तस्वीर के साथ एक अलग कुर्ता पहनकर चलते हैं. निश्चित रूप से वे एकमात्र ऐसे यात्री होंगे जो पूरी यात्रा में नंगे पैर चलेंगे. दिनेश कहते हैं कि 'मैं आपको नहीं बता सकता कि मुझे अपने नेता से कितना प्यार मिलता है, वह वास्तव में मेरी परवाह करते हैं और जब भी वह मुझे देखते हैं तो मेरी तरफ इशारा करेंगे और पूछेंगे मुझे और क्या चाहिए. मैं कभी नहीं रुकूंगा, चाहे मुझे कितना भी इंतजार करना पड़े. मुझे यकीन है कि मेरा सपना सच हो जाएगा. यह कहते ही उनकी आंखों से आंसू छलक आते हैं. खैर, अगर दिनेश का सपना सच होता तो देश की राजनीति काफी बदल जाती और कांग्रेस ने इतिहास रच दिया होता.

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