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PM रैली से निकलें और लोगों को बताएं कि वो जान बचाने के लिए क्या कर रहे हैं: प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार से पूछा कि 6 महीने में सरकार ने 11 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन बाहर भेज दिए. जनवरी से मार्च तक 6 करोड़ कोरोना वैक्सीन दूसरे देशों को दे दी. भारतीयों का प्राथमिकता क्यों नहीं दी गई?

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (फाइल फोटो-PTI)
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'सरकार को मनमोहन सिंह के सुझाव मानने चाहिए'
  • 'लोग मर रहे हैं और पीएम रैलियों में हंस रहे हैं'

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि सरकार ने जनवरी से मार्च तक 6 करोड़ कोरोना वैक्सीन दूसरे देशों में भेज दी. जबकि, उस दौरान 3 से 4 करोड़ भारतीयों को ही वैक्सीन लगाई गई थी. आखिर क्यों भारतीयों को प्राथमिकता नहीं दी गई?

न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में प्रियंका ने कहा, गलत प्लानिंग की वजह से वैक्सीन की कमी हुई, कोई प्लानिंग नहीं होने से रेमडेसिविर की कमी हुई और कोई रणनीति नहीं होने से ऑक्सीजन की कमी हो रही है. ये सरकार की नाकामी है.

प्रियंका ने कहा, "दुनिया में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन भारत में बनती है. फिर क्यों यहां कमी हुई? आपके पास पहली लहर से दूसरी लहर के बीच 8-9 महीने थे. आपके ही सीरो सर्वे में दूसरी लहर की तरफ इशारा किया गया था. लेकिन आपने नजरअंदाज कर दिया. आपके पास वक्त था. आज सिर्फ 2 हजार ट्रक ही ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट कर पा रहे हैं. ये कितने दुख की बात है कि ऑक्सीजन होने के बाद भी वो सही जगह नहीं पहुंच पा रही है. 6 महीने में 11 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन एक्सपोर्ट कर दिए. आज हम उसकी किल्लत से जूझ रहे हैं."

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कांग्रेस महासचिव ने कहा, "यहां तक कि वो अभी भी प्रचार में व्यस्त हैं. रैलियों में जाकर वो मंच से हंस रहे हैं. लोग रो रहे हैं. मदद मांग रहे हैं. ऑक्सीजन, बेड, दवाइयां मांग रहे हैं और आप रैलियों में जाकर हंस रहे हैं. आप ये कैसे कर सकते हैं?" प्रियंका ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री को अब स्टेज से उतर जाना चाहिए, जहां वो हंस रहे हैं और जोक मार रहे हैं. उन्हें अब यहां आने की जरूरत है. लोगों के सामने बैठें. उनसे बात करें और उन्हें बताएं कि वो उनकी जान बचाने के लिए क्या कर रहे हैं?"

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरफ से दिए सुझावों पर प्रियंका गांधी ने कहा, "मनमोहन सिंह जी 10 साल देश के प्रधानमंत्री रहे हैं. सब जानते हैं कि वो कितने प्रतिष्ठित हैं. अगर वो महामारी से निपटने के लिए कोई सुझाव दे रहे हैं, तो आपको उसी गरिमा के साथ उन सुझावों को मानना चाहिए."

टेस्टिंग पर प्रियंका ने कहा, "अक्टूबर-नवंबर में जो आपने सीरो सर्वे किया था, वो बताता है कि 5 करोड़ लोग इस वायरस से संक्रमित हुए. टेस्टिंग बढ़ाने के सुझाव दिए गए. लेकिन यूपी सरकार 70% एंटीजन टेस्ट करने लगी, जिसका मतलब हुआ कि केवल 30% ही आरटी-पीसीआर टेस्ट हुए." उन्होंने सवाल पूछा, "एंटीजन टेस्ट क्यों किए गए? क्या नंबर कम करने के लिए किए गए? यहां तक कि आज भी कुछ रिपोर्ट्स आ रही हैं, जिनमें प्राइवेट लैब्स को टेस्टिंग रोकने को कहा जा रहा है. क्यों? आपके लिए क्या सबसे जरूरी है. लोगों की जिंदगी और नंबर और आपकी सरकार की छवि?"

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प्रियंका ने ये भी कहा कि सरकार दुबई में जब आईएसआई (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) से बात कर सकती है, तो विपक्षी नेताओं से बात क्यों नहीं कर सकती? 

 

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