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'दिख रही है AAP की बैचेनी', MCD चुनाव में 'फिक्सिंग' के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार

आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि पार्टी ने बीजेपी के साथ फिक्सिंग कर ली है. अब कांग्रेस ने पलटवार करते हुए दोनों दलों को एक ही जैसा बताया है. पार्टी ने मेयर चुनाव तुरंत कराने की मांग भी की है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने AAP से सवाल किया है कि आम आदमी पार्टी की बेचैनी साफ दिख रही है.

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एमसीडी (File Photo)
एमसीडी (File Photo)

दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव वक्त के साथ और रोचक होता जा रहा है. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि पार्टी ने बीजेपी के साथ फिक्सिंग कर ली है. अब कांग्रेस ने पलटवार करते हुए दोनों दलों को एक ही जैसा बताया है. पार्टी ने मेयर चुनाव तुरंत कराने की मांग भी की है.

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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने AAP से सवाल किया है कि आम आदमी पार्टी की बेचैनी साफ दिख रही है. उन्होंने आगे कहा है कि कांग्रेस पर आरोप लगाने की जगह आम आदमी पार्टी को मेयर चुनाव जीतने पर ध्यान देना चाहिए और दिल्ली की जनता के काम को पूरा करना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी जवाब दे कि पूर्ण बहुमत होने के बावजूद भी क्यों मेयर नहीं बना रही है? पार्टी क्यों काम नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आगे भी चुनाव में भाग नहीं लेगी और किसी भी सूरत में आम आदमी पार्टी और भाजपा को समर्थन नहीं देगी.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विपक्ष में बैठने का फैसला लिया. पार्षदों ने भी चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने का निर्णय लिया है. अनिल चौधरी ने दोहराया कि चाहे बीजेपी जीते या आम आदमी पार्टी दोनों एक ही दल की तरह काम करते रहेंगे.

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उन्होंने कहा कि मेयर चुनाव में कांग्रेस सदस्यों का कोई महत्व नहीं है. पहले ही चुनाव होने के बाद काफी देर हो चुकी है. जनता परेशान है. काम नहीं हो रहे हैं. पार्षद जीतकर अपने घर में बैठे हैं, जो स्थिति उत्पन्न हुई है. इसके लिए सीधे आम आदमी पार्टी और भाजपा जिम्मेदार है. 

आप ने लगाया था डील का आरोप
आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि हज कमेटी में कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश को चेयरमैन बनाने के लिए शामिल किया गया है. आगे कहा गया कि ये इसलिए किया गया है कि कांग्रेस के पार्षद महापौर चुनाव में सदन में वोट ना करें. इस पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष और पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए झूठे आरोप लगा रही है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी साफ कर देना चाहती है की हज कमेटी में निगम से एक प्रतिनिधि को मनोनीत करने का अधिकार उपराज्यपाल का है. अब उन्होंने निगम के 250 निर्वाचित प्रतिनिधियों में से कांग्रेस के पार्षद का चयन किया है तो ये सीधे और स्पष्ट तौर से उपराज्यपाल का अपने विवेक से लिया फैसला है. लेकिन हज समिति में नामित करने से पूर्व न तो पार्टी से परामर्श किया गया और ना ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से कोई मांग की गई थी. जिसका दुष्प्रचार विरोधी दलों द्वारा किया जा रहा है.

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भारद्वाज ने कहा कि चूंकि बीजेपी मुस्लिम समुदाय के लोगों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट ही नहीं देती है और मुस्लिम समुदाय ने एमसीडी चुनावों में आप को भी खारिज कर दिया है, इसलिए उपराज्यपाल को हज कमेटी में एक कांग्रेस पार्षद को नामित करने के लिए मजबूर होना पड़ा. भारद्वाज ने कहा कि हज कमेटी लाभ का पद नहीं है, बल्कि दिल्ली के हज यात्रियों के हितों की रक्षा के लिए हज कमेटी के कामकाज में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी तरीके से काम करने के लिय ही पद को स्वीकार किया है.

भारद्वाज ने कहा कि जब कांग्रेस केंद्र अथवा दिल्ली सरकार में सत्ता में थी. तब हमारी सरकार ने बिना किसी राजनीतिक स्वार्थ के विभिन्न सरकारी समितियों में विपक्षी विधायकों और पार्षदों को नियुक्त करने की लोकतांत्रिक परंपरा का पालन किया था. लेकिन भाजपा और आम आदमी पार्टी ने इस परंपरा को खत्म कर दिया क्योंकि  विभिन्न समितियों में सभी पद सत्ता के लोभ के कारण वे हथियाना चाहते है.

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