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यूपी: कांग्रेस सचिव इमरान मसूद ने सपा को बताया मुख्य विपक्षी दल, सबको साथ लेकर चलने की अपील की

समाजवादी पार्टी प्रवक्ता एवं एमएलसी, सुनील सिंह साजन ने इस बयान का स्वागत करते हुए कहा है कि इमरान मसूद साहब का जो बयान आया है उसके लिए उनको मुबारकबाद देना चाहते हैं. आप किसी भी दल में रहे और अगर आप राजनेता हैं तो आपको सच बोलना आना चाहिए.

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इमरान मसूद के बयान पर राजनीति गर्म (फाइल फोटो)
इमरान मसूद के बयान पर राजनीति गर्म (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कांग्रेस नेता के बयान पर बवाल
  • समाजवादी पार्टी को बताया मुख्य विपक्षी दल
  • सभी बीजेपी विरोधी पार्टियों को साथ लेकर चलने की अपील की

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद ने समाजवदी पार्टी को मुख्य विपक्षी दल बताते हुए कहा है कि साथ मिलकर ही बीजेपी को हराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि देखिए समाजवादी पार्टी का वोट शेयर सबसे ज़्यादा है. पिछले चुनाव में सबको उठा कर देख लीजिए समाजवादी पार्टी मुख्य विपक्षी दल है. समाजवादी पार्टी को इस चुनाव में सबको साथ लेकर चलना चाहिए. जिससे भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश से हटाया जा सके. मेरा पहले दिन से यही मानना है और आज भी यही मानता हूं. 

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समाजवादी पार्टी प्रवक्ता एवं एमएलसी, सुनील सिंह साजन ने इस बयान का स्वागत करते हुए कहा है कि इमरान मसूद साहब का जो बयान आया है उसके लिए उनको मुबारकबाद देना चाहते हैं. आप किसी भी दल में रहे और अगर आप राजनेता हैं तो आपको सच बोलना आना चाहिए. उन्होंने एकदम सच कहा है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का अगर कोई सफाया कर सकता है तो वह समाजवादी पार्टी है. इमरान मसूद साहब ने एक दम सच कहा है इस पर किसी दल को और किसी व्यक्ति को भी बुरा नहीं मानना चाहिए.  

शिवपाल यादव के साथ बुधवार को असदुद्दीन ओवैसी, ओमप्रकाश राजभर और भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद के बीच हुई बैठक को सियासी तौर पर काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि पहली बार चारों दलों के नेता एक साथ मिले. इससे पहले अलग-अलग नेताओं के बीच मुलाकातें हो रही थीं. ऐसे में सवाल उठता है कि यह भागीदारी मोर्चा सूबे में बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस के बाद पांचवां फ्रंट के रूप में सामने आ रहा, जो छोटे-छोटे दलों का महागठबंधन बनता जा रहा है. 

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दरअसल, भागीदारी संकल्प मोर्चा के नेताओं की बीच हुई मीटिंग से एक दिन पहले ही शिवपाल यादव ने इटावा में सपा को अपना आखिरी अल्टीमेटम दे दिया था. उन्होंने साफ तौर पर अखिलेश यादव को कह दिया है कि 11 अक्टूबर तक गठबंधन पर रुख साफ करें नहीं तो वो अपनी सियासी राह अलग तलाशेंगे. शिवपाल 12 अक्टूबर को मथुरा और वृंदावन से चुनावी शंखनाद करने का भी ऐलान भी कर चुके हैं.

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