महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे पृथ्वीराज चव्हाण ने कांग्रेस नेतृत्व को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े किए हैं. 'मुंबई तक' से बात करते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बेहद खराब दौर में है, चीन के साथ प्रत्येक दिन झड़प की खबरें आ रही हैं, इसके अलावा भी कई और महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. इन सब के बावजूद कांग्रेस एक असरदार विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पा रही है, क्योंकि पार्टी के पास एक पूर्णकालिक (फुलटाइम) अध्यक्ष नहीं है.
बता दें, सात अगस्त को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक खत लिखा गया था. इसमें कई सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर किए थे और पार्टी के लिए एक फुल टाइम, एक्टिव और हमेशा मौजूद रहने वाले अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की थी. पृथ्वीराज चव्हाण उन्हीं सदस्यों में से एक हैं.
आप सभी नेताओं ने सोनिया गांधी को खत क्यों लिखा? इस सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने आजतक को बताया, '2019 लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी ने अचानक ही हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद छोड़ दिया. उनके अध्यक्ष पद छोड़ने का नुकसान यह हुआ कि पार्टी लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा नहीं कर पाई. क्योंकि तब हमारे पास लीडरशिप नहीं थी. बाद में सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष जरूर बनीं, लेकिन उनके स्वास्थ्य को देखते हुए यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वो हमेशा कार्यकर्ताओं के लिए मौजूद रहें और काम करती रहें.'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'हालांकि हम कई राज्यों में सरकार बनाने में सफल रहे, लेकिन कर्नाटक और मध्य प्रदेश में सरकार नहीं बचा सके. इसलिए हमलोगों ने सोचा कि पार्टी को एक फुलटाइम लीडरशीप की जरूरत है और इसलिए अपनी बात रखी.'
पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि उनके जैसे कुछ नेता सोनिया गांधी से मिलना चाहते थे. लेकिन उन्हें कांग्रेस अतंरिम अध्यक्ष से मिलने का समय नहीं दिया गया. इसलिए उन्होंने सात अगस्त को एक खत लिखकर उनके सामने रखा. उन्होंने कहा कि इस खत को गांधी परिवार विरोधी बता कर एक प्रोपगेंडा फैलाया गया. क्योंकि हमने गांधी परिवार से अलग पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग नहीं की थी.
चव्हाण ने कहा, 'अगर राहुल गांधी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं तो इससे बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता है. लेकिन वो अभी ऐसा नहीं करना चाहते हैं. सोनिया गांधी स्वास्थ्य संबंधी समस्या की वजह से अपना पूरा समय नहीं दे सकती हैं. इसलिए हमने वर्किंग पार्लियामेंट बोर्ड की मांग रखी थी, जो पिछले कई सालों से नहीं है. इसमें क्या गलत मांगा?'
उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद थी कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में खत पर चर्चा होगी. लेकिन इस बैठक में खत पर हस्ताक्षर करने वाले केवल चार नेताओं को बुलाया गया और इस खत पर बात ही नहीं हो सकी. हमें उम्मीद थी कि खत लिखे जाने के बाद इसपर खुली चर्चा होगी, लेकिन हम पर कई आरोप लगाए गए. ज्यादातर नेताओं ने बिना खत पढ़े ही हमपर हमला बोल दिया.'
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में तय किया गया है कि सोनिया गांधी, अस्थायी तौर पर अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी. लेकिन मैं राहुल गांधी से अपील करूंगा कि वो अध्यक्ष पद स्वीकार करें या फिर पार्टी, नए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू करे.