2024 के आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हैं. एक तरफ एनडीए हैट्रिक करने की तैयारी में है तो वहीं विपक्षी पार्टियों ने फिर से एकजुट होकर गठबंधन बनाया है, जिसका नाम I.N.D.I.A यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस रखा गया है. इस बीच बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मोदी और शाह को रोकने के लिए विपक्षी पार्टियों एक साथ आ रही हैं. एकजुट होना और इनको रोकना जरूरी है, मजबूरी है.
एक न्यूज एजेंसी के टॉक शो में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सारे विपक्ष को लगा कि इस समय जो मोदी और शाह की जोड़ी है, हिंदुस्तान में जो त्राहि-त्राहि मचा चुके हैं, इनको ये अकेले नहीं पोक पाएंगे. इसलिए सबका एकजुट होना जरूरी है. आपने देखा होगा कि समुद्र में जब बड़ी मछली गुजरती है तो छोटी-छोटी मछलियां भी एकजुट होकर बड़ी मछली जैसा रूप धारण कर लेती हैं. ऐसा इसलिए कि बड़ी मछली को लगे कि एकजुट हुई मछलियों की ताकत ज्यादा हो गई है. एनडीए के सामने I.N.D.I.A खड़ा करना मजबूरी है. राजनीति में मजबूरी जरूर रहती है. राजनीति के नियमों में होता ही है.
राहुल गांधी के पीएम बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी खुद कह चुके हैं कि वह प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहते. लेकिन राहुल गांधी प्रधानमंत्री न बन पाए, इसलिए मोदी जी ज्यादा सतर्क हैं. अगर नहीं होते तो राहुल गांधी को आयोग्य करार नहीं देते. क्योंकि 2019 में कर्नाटक में बयान दिया गया और केस दायर हुआ गुजरात में. वो भी बीजेपी के विधायक ने किया. इससे मंशा साफ है. सही मौके का इंतजार करते रहे और फिर केस दायर कराया.
किसने दिया I.N.D.I.A. नाम?
दरअसल, बेंगलुरु में 18 जुलाई को हुई विपक्षी दलों की बैठक के दूसरे दिन ममता बनर्जी ने सबसे पहले I.N.D.I.A. नाम का जिक्र किया था. फिर राहुल गांधी ने इसे मजबूती से उठाया और कहा कि मोदी इंडिया से कैसे लड़ सकते हैं. इंडिया बनाम बीजेपी ही होना चाहिए क्योंकि हम लोग देश के लोगों के लिए ही लड़ रहे हैं. हालांकि, I.N.D.I.A. नाम पर कुछ चर्चा मीटिंग के पहले दिन भी हुई थी. तब राहुल गांधी ने इसपर कुछ नेताओं से चर्चा करके उनकी राय जानने की कोशिश की थी. एक नेता ने बताया कि राहुल गांधी का मानना है कि नाम इंडिया रखने से देश की जनता सेंटर स्टेज पर आ जाएगी.