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'देश में चोर को चोर कहना अपराध हो गया है', सांसदी जाने पर राहुल गांधी को मिला विपक्ष का साथ

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुरुवार को सूरत की कोर्ट ने मानहानि मामले में दोषी करार दिया था. इसके अगले ही दिन उनकी संसदीय सदस्यता भी रद्द कर दी गई है. इसको लेकर अब विपक्ष भी राहुल गांधी के समर्थन में उतर आया है. उन्होंने इसे केंद्र सरकार की तानाशाही करार दिया है.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी

राहुल गांधी की सजा पर संसद से सड़क तक हंगामा हो रहा है. कांग्रेस के साथ-साथ विपक्षी नेताओं ने संसद से विजय चौक तक मार्च किया. कांग्रेस मुख्यालय दफ्तर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प भी हुई. जिसके बाद पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी ले लिया. इस बीच राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता रद्द कर दी गई. जिसको लेकर अब विपक्षी नेता केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं.

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दरअसल, राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चार साल से सूरत कोर्ट में चल रहा था. 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक की चुनावी रैली में विवादित बयान दिया था. रैली कर्नाटक के कोलार में थी और उन्होंने मोदी सरनेम पर टिप्पणी की थी. गुजरात के बीजेपी नेता और विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के बयान के खिलाफ केस कर दिया था. केस मानहानि का था और सूरत की कोर्ट में किया गया था. जिसको लेकर अब कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है.

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने ट्वीट करते हुए राहुल गांधी का समर्थन किया. उन्होंने लिखा, "राहुल गांधी की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है. 'चोर को चोर कहना' हमारे देश में अपराध हो गया है. चोर-लुटेरे अभी भी आजाद हैं और राहुल गांधी को सजा मिल गई है. यह लोकतंत्र की सीधी हत्या है. सभी सरकारी तंत्र दबाव में हैं. यह तानाशाही के अंत की शुरुआत है. अब लड़ाई को उचित दिशा देनी होगी."

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लोकसभा से अयोग्य ठहराना स्वस्थ लोकतंत्र के हित में नहीं: अकाली दल

अकाली दल ने भी राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर सवाल उठाया है. अकाली दल ने कहा कि राहुल गांधी को मनमाने तरीके से लोकसभा से अयोग्य ठहराना स्वस्थ लोकतंत्र के हित में नहीं है. अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा, "अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर किसी सदस्य को अयोग्य घोषित करना सही नहीं है, खासकर तब जब फैसले के खिलाफ अपील प्रक्रिया में हो." 

इस बात पर जोर देते हुए कि कानून सभी के लिए समान होना चाहिए, अकाली दल नेता ने कहा कि पंजाब में स्वास्थ्य मंत्री को तीन साल की सजा के बाद अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था. अन्य राज्यों से भी ऐसे उदाहरण हैं जो इंगित करते हैं कि नियम को लागू करने में एकरूपता नहीं है."

आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, "मैंने तो कल ही कहा था, विपक्ष की पार्टियों को ख़त्म करना मोदी जी का मक़सद है. मोदी जी राहुल गांधी की सदस्यता ख़त्म करने में इतनी तेज़ी और JPC बनाने में बिलकुल खामोशी."

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तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा, "मैं अपने भाई राहुल गांधी को सांसद पद पर अयोग्य ठहराने के शरारती कदम की कड़ी निंदा करता हूं. यह एक भाजपा विधायक द्वारा प्रेरित मामला था, जिसने गांधी के खिलाफ उनके 2019 के चुनावी भाषण के लिए मानहानि का मुकदमा दायर किया था. इस तरह की धमकियां हमें फासीवादी बीजेपी से लड़ने से नहीं रोक पाएंगी."

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उद्धव ठाकरे गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "राहुल गांधी के खिलाफ प्रतिशोधात्मक और शर्मनाक कार्रवाई. यह अयोग्यता एक बार फिर साबित करती है कि हम पिंजड़े में बंद लोकतंत्र के दौर में जी रहे हैं.

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, "AITC इस घटनाक्रम की कड़ी निंदा करती है. राहुल गांधी की अयोग्यता भारत में संवैधानिक स्वतंत्रता के लिए ताबूत में आखिरी कील है."

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा, "पीएम मोदी और सत्तारूढ़ गिरोह का असली चेहरा बेनक़ाब हो गया है. अगर बैंक लूट कर भागे हुए भगोड़ों व पीएम के मित्रों पर सवाल पूछना गुनाह है तो हर भारतीय यह गुनाह बार बार करेगा. अब देश के पैसे की चौरी नहीं, चोरों का नाम लेना जुर्म है. न राहुल गांधी डरेंगे, न कांग्रेस झुकेगी."

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