राजस्थान में अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठने वाले सचिन पायलट को लेकर कांग्रेस आलाकमान अब तक कोई फैसला नहीं ले सका है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पायलट को लेकर अभी भी कांग्रेस नेतृत्व पशोपेश में पड़ा हुआ है. मतलब साफ है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व राजस्थान के इस नेता को लेकर फैसले में कोई जल्दबाजी नहीं करेगा.
शनिवार को ही आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दिल्ली में सचिन पायलट से मुलाकात की. इस मामले में प्रियंका गांधी वाड्रा भी सक्रिय हुई हैं. वहीं, अपने बड़बोले बयानों के बाद राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी से मिलकर बातचीत की.
पहले पायलट के खिलाफ कार्रवाई का ऐलान कर चुके रंधावा राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष से मिलने के बाद अब बदले-बदले अंदाज में नजर आ रहे हैं. मतलब अब मामला लंबा खिंचने वाला है. गौरतलब है कि इससे पहले अजय माकन राजस्थान में हुई बगावत के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने के चलते ही राजस्थान इंचार्ज के पद से इस्तीफा दे चुके हैं.
अनशन के बाद राजस्थान में पैदा हुए सियासी संकट की स्थिति के मद्देनजर मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ को सचिन पायलट से बात करने का जिम्मा दिया गया था.
पायलट के सामने पार्टी का प्रस्ताव
सचिन पायलट के सामने पार्टी ने यह ऑफर रखा है कि उनको कांग्रेस की कार्यसमिति और स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल किया जाएगा. यही नहीं, कांग्रेस ने उनको कोई अच्छा रोल दिल्ली में देने का भी वादा किया है. गौरतलब है कि पार्टी की नई कांग्रेस वर्किंग कमेटी बनी है.
इसके अलावा उनको राजस्थान के टिकट वितरण में भी अहम भूमिका दी जाएगी. लेकिन सचिन पायलट ने भी साफ कर दिया कि राजस्थान को छोड़कर दिल्ली आने में कोई दिलचस्पी नहीं.
रंधावा के कड़क बयान पर पायलट की आपत्ति
कमलनाथ और केसी वेणुगोपाल से बैठक में सचिन पायलट ने राजस्थान के पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के कड़क बयान को लेकर आपत्ति जताई. रंधावा ने कहा था कि पायलट ने मुद्दा सही उठाया है, लेकिन उनका तरीका गलत था.
बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट को लेकर बनी स्थिति को सुलझाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार 13 अप्रैल को बैठक बुलाई थी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट को भी इस बैठक में अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था.
गौरतलब है कि सचिन पायलट ने राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर 11 अप्रैल को जयपुर में एक दिन का अनशन किया था.