कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर सोमवार को बैठक हुई. प्रशांत किशोर के प्रस्ताव पर आज कांग्रेस की बैठक हुई, इसके बाद ही तय होगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले वो पार्टी के साथ जुड़ेंगे या नहीं.
बैठक के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आज अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है. इसके कौन सदस्य होंगे, क्या रोल होगा इस पर सोनिया गांधी फैसला लेंगी.
पीके के प्रस्ताव पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम हैं. इनके साथ समिति में वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह और रणदीप सिंह सुरजेवाला हैं. पीके के प्रस्ताव पर कांग्रेस की कमेटी ने ही ये रिपोर्ट तैयार की है, जिस पर चर्चा हुई.
सूत्रों की मानें तो चिंदबरम की अगुवाई वाली समिति सिफारिश करेगी कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पार्टी में लिया जाए या नहीं, और किस भूमिका में और किस हद तक उनके प्रस्ताव को लागू करने की आवश्यकता है. बता दें कि पीके की अब तक कांग्रेस नेतृत्व के साथ तीन बैठकें हो चुकी हैं, जिसके दौरान उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में चुनावी हार पर मंथन करते हुए पार्टी को फिर से जीवंत करने की अपनी योजना पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया है.
हालांकि, कांग्रेस के दिग्गजों का एक वर्ग चुनावी रणनीतिकार के साथ साझेदारी से सावधान रहा है, क्योंकि कई पार्टियों के साथ उनका जुड़ाव है जो कि कई राज्यों में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी हैं. सूत्रों की माने तो सोनिया गांधी के आवास पर सात सदस्यीय समिति की बैठक में तेलंगाना के टीआरएस के साथ उनके संबंधों पर भी चर्चा होगी.
प्रशांत किशोर ने हैदराबाद में केसीआर से मुलाकात की और कथित तौर पर उनके इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी यानी IPAC के टीआरएस के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए. तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं के अनुसार इस कदम से ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि तेलंगाना राज्य के सभी नेता पीके के खिलाफ हैं. ऐसे में यह बात कांग्रेस आलाकमान तक भी पहुंच गई है. इसलिए तेलंगाना मामले पर चिदंबरम समिति में भी चर्चा हो रही है.
तेलंगाना कांग्रेस प्रभारी तेलंगाना मणिकम टैगोर ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर-पोस्ट करते हुए लिखा है, 'किसी ऐसे व्यक्ति पर कभी भरोसा न करें ,जो दुश्मन का दोस्त हो. ऐसे में चिदंबरम समिति की सिफारिशों पर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा. 10 जनपथ पर कांग्रेस नेताओं की बैठक में पीके मामले के अलावा चिंतन शिविर, पार्टी में सुधार, संगठन को मजबूत करने पर भी चर्चा होगी.