रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक पैनल ने हाल ही में कॉर्पोरेट घरानों को बैंक स्थापित करने की मंजूरी देने की सिफारिश की थी. इस सिफारिश की आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने आलोचना की. वहीं, अब इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर निशाना साधा. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि हम इसे जनहित के लिए घातक मानते हैं.
पी चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार और आरबीआई की इंटरनल वर्किंग ग्रुप ने बड़े-बड़े उद्दोगपतियों द्धारा बैंक खोले जाने की अनुमति देने का आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और विरल आचार्य ने कड़ा विरोध किया. हम उनके बयान का समर्थन करते हैं. कांग्रेस इस प्रस्ताव के विरोध में है और हम इसे जनहित के लिए घातक मानते हैं.
उन्होंने कहा कि आरबीआई का दुरुपयोग नोटबंदी के दौरान भी किया गया और अब भी आरबीआई का इस्तेमाल कठपुतली की तरह किया जा रहा है. कांग्रेस इसका विरोध करती है.
बता दें कि आरबीआई ने ऐसे गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) को बैंकिंग लाइसेंस देने की वकालत की है, जिनका असेट 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है और जिनका कम से कम 10 साल का ट्रैक रिकॉर्ड है और साथ ही बड़े औद्योगिक घरानों को भी बैंक चलाने की अनुमति दी जा सकती है.
देखें: आजतक LIVE TV
रघुराम राजन ने भारतीय कॉरपोरेट घरानों को बैंक स्थापित करने की अनुमति देने की सिफारिश की आलोचना की. उन्होंने कहा है कि कॉरपोरेट घरानों को बैंक स्थापित करने की मंजूरी देने की सिफारिश आज के हालात में चौंकाने वाली है. उन्होंने इस सुझाव को 'बैड आइडिया' कहा था.