कांग्रेस पार्टी राज्यसभा में उप-सभापति पद के लिए यूपीए के घटक दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के उम्मीदवार का समर्थन करेगी. 'इंडिया टुडे' को जानकारी मिली है कि कांग्रेस पार्टी बहुत जल्द डीएमके उम्मीदवार के नाम पर समर्थन जुटाने के लिए अलग-अलग दलों से मुलाकात करेगी.
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस पार्टी की पार्लियामेंटरी स्ट्रेटजी ग्रुप (पीएसजी) की बैठक में इसका फैसला लिया गया. अप्रैल में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सांसद हरिवंश का कार्यकाल खत्म होने के बाद से यह पद रिक्त है. बैठक में यह भी फैसला हुआ कि अन्य विपक्षी दलों से सामंजस्य बना कर राज्यसभा में भारत-चीन विवाद, कोविड महामारी और लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर बहस कराई जाएगी.
सूत्रों ने 'इंडिया टुडे' को बताया कि राज्यसभा में उप-सभापति पद के लिए कांग्रेस पार्टी सभी विपक्षी दलों की ओर से किसी एक उम्मीदवार को खड़ा करने की कोशिश करेगी. कांग्रेस इसके लिए अपने गठबंधन दल डीएमके से संपर्क करेगी ताकि सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाकर राज्यसभा में सत्तारूढ़ एनडीए के उम्मीदवार को हराया जा सके. कांग्रेस पार्टी को लगता है कि विपक्षी दल एकजुट हो जाएं तो राज्यसभा में एनडीए को मात दी जा सकती है.
उप-सभापति उम्मीदवार को लेकर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई पीएसजी की बैठक में रणनीति पर चर्चा हुई. इस बैठक में डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी शामिल रहे. 14 सितंबर से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र से पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये यह बैठक हुई.
बैठक में इस बात पर भी फैसला हुआ कि समान विचारधारा वाले दलों से सामंजस्य बना कर कई अलग-अलग मुद्दों पर सार्थक बहस को अंजाम दिया जाएगा. लद्दाख में चीन के साथ तनातनी और बिहार रेजिमेंट के जवान की शहादत पर सरकार को घेरने की तैयारी है. कांग्रेस पार्टी के एजेंडे में कोविड महामारी भी है. चर्चा में कई नेताओं ने यह मुद्दा उठाया कि लॉकडाउन की 'लचर' तैयारियों के कारण प्रवासी मजदूरों की मुश्किल बढ़ी और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी लोगों की परेशानी बढ़ाने का एक कारण है. कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर सरकार से जवाब चाहती है. राज्यसभा में जिन मुद्दों को कांग्रेस पार्टी उठा सकती है उनमें उद्योगों की बंदी, बेरोजगारी, सैलरी कटौती और ईएमआई डिफॉल्टर के मुद्दे शामिल हैं. संसद में अन्य दलों को एकजुट किया जा सके, इसके लिए कांग्रेस पार्टी विपक्षी दलों के साथ जल्द बैठक कर सकती है.