महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसको लेकर तमाम राजनीतिक दलों की बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है. राज्य में आगामी चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल और रमेश चेनिथला ने भी मुंबई में एक बैठक की,जिसमें तमाम मुद्दों पर फैसला लिया गया है.
महायुति के खिलाफ एकजुट होकर खोलेंगे मोर्चा
इस बैठक में फैसला लिया गया है कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता महायुति गठबंधन के खिलाफ एकजुट होकर मोर्चा खोलेंगे. साथ ही फैसला लिया गया कि महाराष्ट्र कांग्रेस ग्रामीण संकट, किसानों के मुद्दे, कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी के मुद्दों को लेकर राज्य सरकार पर आक्रामक तरीके से सवाल उठाएगी और इन्हीं मुद्दों को लेकर वह जनता के सामने भी जाएगी.
सोशल मीडिया पर होगा फोकस
मुंबई में हुई इस बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि महायुति के भ्रष्टाचार और कुशासन को उजागर करने के लिए ऑन-ग्राउंड और सोशल मीडिया अभियानों की सीरीज शुरू की जाएगी.सोशल मीडिया के जरिए तमाम मुद्दों को उठाया जाएगा और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा. ये भी फैसला लिया गया है कि अगले हफ्ते से कांग्रेस कैडर को सक्रिय करने के लिए जिला स्तर से लेकर बूथ स्तर तक गतिविधियां शुरू की जाएंगी.
बड़े नेताओं को भी उतारा जाएगा
इस मीटिंग में फैसला लिया गया है कि राज्य में कांग्रेस के पक्ष में हवा बनाने के लिए अन्य राज्यों के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की भी तैनाती की जाएगी. साथ ही आक्रामक मोड में चुनावी प्रचार करने की भी रणनीति तैयार की गई है.
कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि वह राज्य में लोकसभा चुनाव की ही तरह प्रदर्शन को दोहराने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं.उन्होंने उम्मीद जताई है कि राज्य में आगामी चुनाव में कांग्रेस सबसे मजबूत पार्टी बनकर उभरेगी. दूसरी तरफ महायुति और महाअघाड़ी दोनों ही सीट शेयरिंग को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हैं.
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2019 में ऐसा रहा था चुनावी परिणाम
2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी और अविभाजित शिवसेना ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. बीजेपी को 105 सीटों पर जीत मिली थी जबकि शिवसेना ने 56 सीटें जीतीं थीं. वहीं, एनसीपी को 54 सीटों पर कामयाबी मिली थी, जबकि कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 आते-आते महाराष्ट्र की सियासत के सभी समीकरण बदल गए थे. शिवसेना और एनसीपी में टूट हो गई थी. लेकिन महा विकास अघाड़ी ने आम चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका दिया था. कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में फायदा हुआ था. इस बार का विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के लिए असली टेस्ट माना जा रहा है.