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लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विजय का रास्ता क्या होगा? सभी राजनीतिक पार्टियां इसका जवाब तलाशने में अभी से जुट चुकी हैं. बीजेपी की बात करें तो वह नरेंद्र मोदी का नाम और काम लेकर जनता के सामने जाएगी. दूसरी तरफ कांग्रेस इसका जवाब तलाशने से पहले दूसरे बड़े सवाल का उत्तर ढूंढने में लगी है. वह सवाल यह है कि पार्टी का अध्यक्ष कौन होगा?
फिलहाल तक राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस सांसद शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में शामिल माने जा रहे हैं. वहीं राहुल गांधी के नाम पर सस्पेंस बना हुआ है.
सूत्र कहते हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नवरात्रि में 26 से 28 सितंबर के बीच अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन भरेंगे. कांग्रेस सूत्रों ने ये भी बताया है कि शशि थरूर भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के प्रबल इच्छुक हैं. दावा है कि अपनी इस इच्छा को थरूर ने सोनिया गांधी के सामने रख दिया है, जिसके बाद सोनिया गांधी ने कहा है कि कांग्रेस में कोई भी पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है.
अब आपके मन में सवाल होगा राहुल गांधी को लेकर. तो राहुल गांधी की फेसबुक पोस्ट देखिए. जिसमें वह लिखते हैं, 'जब नाव बीच मंझधार में फंस जाए, तब पतवार अपने हाथ में लेनी ही पड़ती है. ना रुकेंगे, ना झुकेंगे, भारत जोड़ेंगे'. तो क्या इसका ये अर्थ निकाला जाए कि राहुल गांधी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी ठोकेंगे यानी पार्टी की पतवार अपने हाथ में लेंगे?
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसपर अभी साफ तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. लेकिन उनकी दावेदारी मजबूत है इसमें कोई शक नहीं. 7 राज्यों की कांग्रेस कमेटियों ने राहुल को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया है. इसके साथ-साथ सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की जगह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि राहुल ही यह पद संभाल लें. वह इसके लिए राहुल को मनाने की कोशिश भी कर रहे हैं.
कांग्रेस की टूट को संभाल पाएंगे राहुल?
ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस के पास एक ही रास्ता है कि राहुल गांधी कमान संभालें ? खासकर तब जबकि कांग्रेस से ही सबसे ज्यादा नेता टूटकर बीजेपी में जा रहे हैं. राहुल खुद इस वक्त केरल में हैं. भारत जोड़ो यात्रा के बारहवें दिन केरल में स्थानीय नाविकों के साथ हुई इस प्रतियोगिता में वो नाव जीत गई जिसमें राहुल सवार हैं. लेकिन सवाल 2024 का है.
When we all work together in perfect harmony, there is nothing we cannot accomplish. #BharatJodoYatra pic.twitter.com/31fW5XX730
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 19, 2022
पंजाब में कांग्रेस से अलग हुए अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी का विलय अब बीजेपी में करा दिया. गोवा में कांग्रेस के पास नेता विपक्ष लायक विधायक भी नहीं बचे. आठ विधायक पहले बीजेपी में शामिल हुए हैं. बीजेपी की तरफ से कोशिश है कि विपक्ष को कमजोर दिखाया जाए. इसको इस तरह समझें -
- गोवा के विधायक टूटकर सिर्फ बीजेपी में शामिल नहीं हुए. बल्कि कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाकर दिल्ली आकर जेपी नड्डा, अमित शाह से मुलाकात करते हैं. ऐसे में सियासत का संदेश साफ है कि कांग्रेस हाईकमान नेताओं के लिए उपलब्ध नहीं, बीजेपी के शीर्ष से मिलना आसान है.
- गोवा के कांग्रेस विधायकों से पहले गुलाम नबी आजाद भी राहुल गांधी की यात्रा से पहले पार्टी छोड़ चुके हैं. अपनी अलग पार्टी बनाकर आजाद राहुल की कैप्टेंसी पर ही सवाल वाली चिट्ठी लिख चुके हैं. इससे साफ संदेश गया कि राहुल को कमान मिली तो पार्टी कमजोर होगी.
फिलहाल राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद अब गुजरात, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर और बिहार में कांग्रेस पार्टी ने राहुल के समर्थन में प्रस्ताव पास किया है. लेकिन इसकी काट करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह को बीजेपी ने अपनी तरफ मिला लिया. ऐसे में बीजेपी कांग्रेस के मजबूत दिखने की हर कोशिश पर वार कर रही है.
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए 23 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी, जबकि 17 अक्टूबर को चुनाव प्रस्तावित है.
(इनपुट- आजतक ब्यूरो)